नई दिल्लीदिल्ली में 8 महीने की बच्ची के साथ बलात्कार का मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दखल दिया है. कोर्ट ने आदेश दिया है कि एम्स के 2 डॉक्टर तुरंत बच्ची का मुआयना करें.


चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा, "एम्स के 2 डॉक्टर विशेष एंबुलेंस के साथ उत्तरी दिल्ली के उस हस्पताल में पहुंचे जहां बच्ची अभी भर्ती है. अगर बच्ची को एम्स लाना संभव हो तो तुरंत अपनी निगरानी में विशेष एंबुलेंस से उसे एम्स लेकर आएं." कोर्ट ने कल तक कोर्ट में रिपोर्ट देने को भी कहा है. यानी 2 विशेषज्ञ डॉक्टर आज ही बच्ची को देखने जाएंगे.

एक वकील ने बच्ची के इलाज और परिवार को मुआवजे के लिए याचिका दाखिल की है. याचिका में 12 साल से कम उम्र की बच्चियों से बलात्कार के लिए मौत की सज़ा की भी मांग की गई. लेकिन कोर्ट ने कहा, "इस वक्त बच्ची का स्वास्थ्य हमारी पहली प्राथमिकता है."

2 दिन पहले उत्तरी दिल्ली में बच्ची के एक करीबी रिश्तेदार ने उसके साथ बलात्कार किया था. फिलहाल बच्ची बेहद गंभीर स्थिति में है.

मामले की गंभीरता को देखते हुए चीफ जस्टिस की बेंच ने याचिका पर आज ही सुनवाई के फैसला किया. हालांकि, याचिका दाखिल करने वाले वकील का न तो मामले से कोई संबंध था, न ही उन्हें ठीक से इस बात का पता था कि बच्ची का कहां इलाज हो रहा है. लेकिन कोर्ट ने इन बातों को दरकिनार कर सुनवाई जारी रखी.

मामले में तुरंत कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने किसी एक एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (ASG) को कोर्ट में बुलाने को कहा. सूचना मिलते ही एक की जगह 3 ASG पी एस नरसिम्हा, तुषार मेहता और पिंकी आनंद कोर्ट पहुंच गए.

केंद्र सरकार के तीनों वरिष्ठ वकीलों ने मामले पर चिंता जताई और बच्ची के इलाज के लिए हर ज़रूरी कदम उठाने का आश्वासन दिया. सरकारी वकीलों की तत्परता की तारीफ करते हुए कोर्ट ने एम्स के 2 डॉक्टरों को बच्ची के पास भेजने का आदेश दिया. कल भी कोर्ट मामले पर सुनवाई करेगा.