SC On GPF Account Closure: पटना हाई कोर्ट के 7 जजों का जनरल प्रोविडेंट फंड खाता बंद किए जाने के मामले में शुक्रवार (24 फरवरी) को सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लिया. कोर्ट ने जजों की याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र और बिहार सरकार से जवाब मांगा है. इसी के साथ, पीठ ने केंद्र की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल केएम नटराज से मामले को देखने और इस मुद्दे पर निर्देश लेने को कहा. इस मामले में अब अगली सुनवाई 3 मार्च को होगी. 


7 जजों ने याचिका दायर कर कहा है कि उनके जनरल प्रोविडेंट खाते राज्य सरकार ने बंद किए हैं. इससे रिटायरमेंट के बाद मिलने वाले लाभ को लेकर अनिश्चितता हो गई है. याचिकाकर्ताओं के वकील प्रेम प्रकाश ने 21 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि जजों का जीपीएफ अकाउंट बंद कर दिया है. इस आदेश के परिणाम गंभीर है. 


क्या है मामला?


दरअसल, बिहार सरकार ने कुछ दिनों पहले एक आदेश जारी किया है. इस आदेश में कहा गया था कि पटना हाई कोर्ट के 7 जजों के GPF खातों को बंद कर दिया जाए. सरकार ने ये तर्क दिया कि जजों के जीपीएफ खाते इसलिए बंद किए गए, क्योंकि न्यायिक सेवा में उनकी नियुक्ति वर्ष 2005 के बाद हुई है.


किन जजों ने दाखिल की याचिका?


याचिका जस्टिस शैलेंद्र सिंह, जस्टिस अरुण कुमार झा, जस्टिस जितेंद्र कुमार, जस्टिस आलोक कुमार पांडेय, जस्टिस सुनील दत्त मिश्रा, जस्टिस चंद्रप्रकाश सिंह और जस्टिस चंद्रशेखर झा ने दाखिल की है. बता दें कि इन जजों को अप्रैल 2010 में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था.


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