Bihar News: बिहार के पूर्व बाहुबली आनंद मोहन सिंह (Anand Mohan Singh) की रिहाई के खिलाफ याचिका पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने नोटिस जारी किया है. बिहार सरकार और आनंद मोहन को नोटिस जारी करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 2 हफ्तों में जवाब मांगा है. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार से रिहाई से जुड़ा रिकॉर्ड देने को कहा. सुप्रीम कोर्ट के इस नोटिस के बाद अब आनंद मोहन और बिहार सरकार को 2 हफ्तों के अंदर जवाब देना होगा. इसके साथ ही बिहार सरकार को भी रिहाई से जुड़ा पूरा रिकॉर्ड जमा करना होगा.
दिवंगत आईएएस जी कृष्णैया की पत्नी उमा देवी ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. उमा देवी ने दायर की गई याचिका में फिर से आनंद मोहन को जेल भेजे जाने की मांग की और याचिका को कोर्ट में पहले ही स्वीकार कर लिया गया था. याचिका से पहले उमा देवी ने सीधा कहा था कि आनंद मोहन की रिहाई इसलिए की गई है ताकि वोट मिल सके. वहीं उमा देवी सीएम नीतीश कुमार से भी अपील कर चुकी हैं कि इस फैसले को रद्द किया जाए.
डीएम की पत्नी उमा देवी ने कही थी ये बात
एक इंटरव्यू के जरिए जी कृष्णैया की पत्नी उमा देवी ने कहा था कि आनंद मोहन की रिहाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में उन्होंने व्यक्तिगत रूप से अपील नहीं की है बल्कि आईएएस अफसरों ने की है और लड़ाई भी वही लड़ रहे हैं. उमा देवी ने यह भी कहा है कि चीफ मिनिस्टर फील्ड में जाकर काम नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि सरकार को ऐसा निर्णय लेना चाहिए कि आईएएस और आईपीएस का मनोबल बढ़े.
बता दें कि डीएम जी. कृष्णैया की हत्या 5 दिसंबर 1994 को हुई थी. आनंद मोहन सिंह पर यह आरोप साबित हुआ था कि उन्होंने भीड़ को उकसाया. इस मामले में आनंद मोहन को मौत की सजा सुनाई थी. बाद में पटना हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने सजा को उम्रकैद में बदल दिया. आनंद मोहन ने इस मामले में 17 साल जेल में बिताए और बीते दिनों ही जेल से रिहा हुए थे.
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