नई दिल्ली:  सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना पर स्वत: संज्ञान लेते हुए कलकत्ता हाई कोर्ट के जज सी एस कर्णन को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. सुप्रीम कोर्ट ने न्यायमूर्ति कर्णन से 13 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष पेश होने के साथ उन्हें न्यायिक एवं प्रशासनिक कार्य अपने हाथ में न लेने के लिए भी कहा है.


न्यायमूर्ति कर्णन को उनके पास मौजूद सभी न्यायिक एवं प्रशासनिक फाइलें कलकत्ता हाई कोर्ट के महापंजीयक को लौटाने के लिए कहा गया. सुप्रीम कोर्ट ने अपने पंजीयन कार्यालय से न्यायमूर्ति कर्णन को दिए गए आदेश की प्रति आज देने को कहा है.


अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने न्यायामूर्ति कर्णन के सार्वजनिक संवाद को न्याय प्रशासन व्यवस्था को बदनाम करने वाला और अपमानजनक बताया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमें अधिक से अधिक सावधानी बरतनी चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह पता लगाया जाना चाहिए कि क्या ये संवाद न्यायमूर्ति कर्णन ने लिखे थे ?


क्या है मामला ?


बता दें कि लगातार विवादों में रहने वाले जस्टिस कर्णन ने पिछले साल मद्रास हाई कोर्ट से अपने ट्रांसफर के कॉलेजियम के निर्देश पर खुद ही रोक लगा दी थी. सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद उन्होंने ट्रांसफर स्वीकार किया था. अब भी वो चेन्नई में सरकारी आवास न छोड़ने पर अड़े हैं. जस्टिस कर्णन ने खुद सुप्रीम कोर्ट में पेश होकर अपना पक्ष रखने की इजाज़त मांगी थी.