नई दिल्ली: सात समंदर पार से सेहरा बांध कर आया दूल्हा. उसके साथ विदेश में ही बस जाने का सुनहरा सपना. इस आकर्षण में हर साल हजारों लड़कियां NRI दूल्हों से शादी करती हैं. पर क्या होता है जब पति उन्हें छोड़ कर चला जाता है? इतनी दूर कि भारत में चल रही किसी कानूनी कार्रवाई से उसे कोई फर्क नहीं पड़ता. अब सुप्रीम कोर्ट इस मसले पर विचार करने के लिए तैयार हो गया है.



विदेश में बसे दूल्हों से धोखा खाई 8 लड़कियों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. इन लड़कियों की मांग है कि विदेशी दूल्हे और उसके परिवार के हाथों लड़कियों को धोखे से बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट दिशा निर्देश जारी करे. इन दूल्हों और उसके परिवार के लोगों को गिरफ्तार करने के लिए कानून में विशेष व्यवस्था की जाए. कोर्ट ने सरकार से इन मांगों पर जवाब मांगा है.

याचिका के मुताबिक भारत में इस तरह की शादी में धोखा खाने वाली 40 हज़ार से ज़्यादा लड़कियां हैं. किसी का पति शादी के बाद कुछ दिन साथ रहने के बाद विदेश भाग गया तो कोई पत्नी को कुछ दिन अपने साथ विदेश में रखने के बाद वापस छोड़ गया. लड़कियों से विदेश बुलाने के नाम पर पैसे ठगे गए. उनको या उनके बच्चों को अपनाने से मना किया गया. ऐसी तमाम लड़कियां भारत में पुलिस और कोर्ट के चक्कर काट रही हैं. उनके पति विदेश में आराम से बैठे हैं. भारत मे रह रहे पति के परिवारवाले कागज़ पर उसे बेदखल कर कानूनी कार्रवाई से बच रहे हैं.

याचिका के मुताबिक इस तरह के ज़्यादातर मामलों में सिर्फ दहेज उत्पीड़न का केस दर्ज होता है. अरनेश कुमार मामले में 2014 में आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आधार पर पुलिस दूल्हे और उसके परिवार के लोगों को तुरंत गिरफ्तार नहीं करती. याचिकाकर्ताओं की मांग है कि इस तरह के मामलों में सिर्फ दहेज उत्पीड़न नहीं, बल्कि दूसरी धाराओं में भी मुकदमा दर्ज होने चाहिए. विदेश में भागे दूल्हों को ईमेल या व्हाट्सऐप के ज़रिए तुरंत समन जाना चाहिए. उन्हें दूतावास और विदेशी सरकार की मदद से भारत वापस लाने का बंदोबस्त होना चाहिए.

इन लड़कियों की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील कॉलिन गोंजाल्विस ने चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच को बताया, "इस तरह के मामलों में सरकार ने कोई स्पष्ट नीति नहीं बनाई है. इसका नतीजा ये होता है कि एक बार शादी करने के बाद विदेश भाग गए दूल्हे भारत में किसी भी तरह की कानूनी कार्रवाई से बचते रहते हैं. उनसे शादी करने वाली लड़कियों को इंसाफ नहीं मिल पाता." ये सुनते ही कोर्ट ने सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांग लिया.