Gautam Buddh Nagar: गौतम बुद्ध नगर के बीजेपी सांसद डॉक्टर महेश शर्मा के निर्वाचन को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया है. यह याचिका गीता रानी शर्मा नाम की महिला ने दाखिल की है. उनका कहना है कि उन्होंने भी निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन दाखिल किया था. इसे निर्वाचन अधिकारी ने गलत तरीके से खारिज कर दिया था.
इससे पहले गीता रानी शर्मा ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी, लेकिन हाई कोर्ट ने उनकी याचिका के प्रतिवादियों की लिस्ट से चुनाव आयोग और गौतम बुद्ध नगर के डीएम का नाम हटा दिया था. हाई कोर्ट ने सिर्फ महेश शर्मा को नोटिस जारी किया था. इसके खिलाफ गीता शर्मा सुप्रीम कोर्ट पहुंची हैं.
हाई कोर्ट की गलती पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी
गुरुवार 2 जनवरी को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की बेंच ने माना कि इस मामले में चुनाव आयोग और गौतम बुद्ध नगर (नोएडा) के जिलाधिकारी एक अनिवार्य पक्ष हैं उनके जवाब से ही स्पष्टता मिलेगी कि याचिकाकर्ता का पर्चा क्यों खारिज हुआ. ऐसे में हाई कोर्ट ने उन्हें नोटिस न जारी कर गलती की.
मार्च में होगी मामले की अगली सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने गीता रानी शर्मा की याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार करते हुए सभी प्रतिवादियों को नोटिस जारी कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग, नोएडा डीएम और डॉक्टर महेश शर्मा के अलावा 2 अन्य प्रतिवादियों से जवाब दाखिल करने कहा है. मार्च के आखिरी सप्ताह में मामले की सुनवाई होगी. ध्यान रहे कि पूर्व केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा 3 बार से गौतम बुद्ध नगर के सांसद हैं. 2024 में भी उन्होंने लगभग 5.50 लाख मतों के अंतर से चुनाव जीता है.