नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने आज अवैध गतिविधियां (रोकथाम) कानून (यूएपीए) में किए गए संशोधनों की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर केंद्र सरकार से जवाब मांगा है. याचिकाओं में यूएपीए कानून में किए गए संशोधनों को कई आधार पर चुनौती दी गई है.


याचिकाओं में क्या कहा गया है?


याचिकाओं में कहा गया है कि ये संशोधन नागरिकों की समानता, स्वतंत्रता और मौलिक आधिकारों का उल्लंघन करते हैं और एजेंसियों को लोगों को आतंकवादी घोषित करने की ताकत प्रदान करते हैं. इतना ही नहीं इसमें कहा गया है कि आरोपी व्यक्ति को कानूनी कार्रवाई का सामना करना होगा. खुद साबित करना होगा कि वो आतंकवादी नहीं है.


प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की पीठ ने सजल अवस्थी और गैर सरकारी संगठन ‘असोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स’ की याचिकाओं पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी किए.


संसद ने हाल ही में दी थी UAPA को मंजूरी


संसद ने हाल ही में अवैध गतिविधियां (रोकथाम) कानून में संशोधनों को मंजूरी दी थी. इन संशोधनों के बाद सरकारी एजेंसियों को किसी भी व्यक्ति को आतंकवादी घोषित करने का अधिकार मिल गया है.


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