'निष्पक्ष चुनाव' के लिए विपक्ष के 21 नेता पहुंचे SC, कोर्ट ने चुनाव आयोग से जवाब मांगा
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से कहा है कि वह 25 मार्च तक अपना जवाब दाखिल करें. इसी दिन मामले की अगली सुनवाई की जाएगी.
नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने 21 विपक्षी नेताओं की याचिका पर चुनाव आयोग को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. ये नेता चाहते हैं कि आने वाले लोकसभा चुनाव में 50 फ़ीसदी VVPAT पर्चियों का मिलान EVM में हुई वोटिंग से हो. कोर्ट ने याचिका पर शुरुआती सुनवाई के बाद कहा कि अगली सुनवाई में चुनाव आयोग का कोई जिम्मेदार अधिकारी अदालत की सहायता के लिए मौजूद रहे.
जिन 21 नेताओं ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है, वो हैं
1. एन चंद्रबाबू नायडू, तेलगु देशम
2. शरद पवार, एनसीपी
3. के सी वेणुगोपाल, कांग्रेस
4. डेरेक ओब्रायन, तृणमूल कांग्रेस
5. शरद यादव, लोकतांत्रिक जनता दल
6. अखिलेश यादव, समाजवादी पार्टी
7. सतीश चंद्र मिश्र, बहुजन समाज पार्टी
8. एम के स्टालिन, डीएमके
9. टी के रंगराजन, सीपीआई (एम)
10. मनोज कुमार झा, आरजेडी
11. अरिवंद केजरीवाल, आम आदमी पार्टी
12. फारूक अब्दुल्ला, नेशनल कांफ्रेंस
13. एस सुधाकर रेड्डी, सीपीआई
14. कुंवर दानिश अली, जेडीएस
15. अजीत सिंह, आरएलडी
16. बदरुद्दीन अजमल, एआईयूडीएफ
17. जीतन राम मांझी, एचयूएम
18. अशोक सिंह, जेवीएम
19. खुर्रम अनीस ओमर, इंडियन मुस्लिम लीग
20. प्रो. कोडनदरम, तेलंगाना जन समिति
21. के जी केन्ये, एनपीएफ
इन नेताओं की तरफ से कोर्ट में पेश हुए वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, "हम चाहते हैं कि लोकसभा चुनाव निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से करवाए जाएं . इसके लिए हमारी मांग है कि कम से कम 50 फ़ीसदी VVPAT की पर्चियों का मिलान EVM से हो . हम इसके लिए चुनाव आयोग गए . लेकिन आयोग ने हमारी बात नहीं मानी . अब कोर्ट आयोग को इसका निर्देश दे ."
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच ने इस पर चुनाव आयोग से पक्ष रखने को कहा. चीफ जस्टिस ने कहा, "हम चाहते हैं इस मसले पर जानकारी रखने वाले किसी अधिकारी को चुनाव आयोग कोर्ट की सहायता के लिए नियुक्त करे. वो अधिकारी अगली सुनवाई को कोर्ट में मौजूद रहे. हम 25 मार्च को दोबारा इस मसले पर सुनवाई करेंगे."
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