Justice Arvind Kumar: भारत के चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ सोमवार को दो नए जजों जस्टिस राजेश बिंदल और जस्टिस अरविंद कुमार को शपथ दिलाएंगे. दोनों जजों के शपथ लेने के बाद सुप्रीम कोर्ट में जजों की संख्या नौ महीने के अंतराल के बाद 34 हो जाएगी. सुप्रीम कोर्ट में जजों के स्वीकृत पदों की संख्या चीफ जस्टिस को मिलाकर 34 है.
जस्टिस राजेश बिंदल
जस्टिस राजेश बिंदल पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट उच्च न्यायालय के मूल कैडर से रहे हैं. वो 11 अक्टूबर 2021 से इलाहबाद हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस थे. सोलह अप्रैल 1961 को जन्मे जस्टिस राजेश बिंदल ने 1985 में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से एलएलबी की और सितंबर 1985 में पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में भर्ती हुए.
80,000 मुकदमों का निस्तारण कर चुकें हैं
जस्टिस राजेश बिंदल 22 मार्च 2006 को पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के जस्टिस के रूप में पदोन्नत किया गया. इलाहबाद हाई कोर्ट की वेबसाइट पर उपलब्ध सूचना के अनुसार, जस्टिस बिंदल ने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में अपने कार्यकाल में करीब 80,000 मुकदमों का निस्तारण किया.
जम्मू कश्मीर हाई कोर्ट में तबादला होने पर उन्होंने 19 नवंबर 2018 को पद की शपथ ली और बाद में उन्हें केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर और लद्दाख हाई कोर्ट का कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया.
जस्टिस बिंदल ने पांच जनवरी 2021 को कलकत्ता हाई कोर्ट के जज के रूप में पद की शपथ ली और उन्हें 29 अप्रैल 2021 से हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश का दायित्व निभाने का जिम्मा सौंपा गया.
जस्टिस अरविंद कुमार
वहीं, कर्नाटक हाई कोर्ट कैडर के जस्टिस अरविंद कुमार 13 अक्टूबर 2021 से गुजरात हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में सेवा दे रहे थे. 14 जुलाई 1962 में जन्मे जस्टिस कुमार 1987 में वकील बने. उन्हें 1999 में कर्नाटक हाई कोर्ट में केंद्र सरकार का अतिरिक्त स्थायी वकील नियुक्त किया गया. वह 2002 में क्षेत्रीय प्रत्यक्ष कर सलाहकार समिति के सदस्य नियुक्त हुए और बाद में उन्हें 2005 में भारत का सहायक सॉलिसिटर जनरल नियुक्त किया गया.
जस्टिस अरविंद कुमार को 26 जून 2009 को कर्नाटक हाई कोर्ट के अतिरिक्त जज के रूप में पदोन्नत किया गया. वह सात दिसंबर 2012 को स्थायी जज बने. कर्नाटक हाई कोर्ट कैडर के जस्टिस कुमार 13 अक्टूबर 2021 से गुजरात हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में सेवा दे रहे थे. 14 जुलाई 1962 में जन्मे जस्टिस कुमार 1987 में वकील बने.
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