सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस मोहन एम शांतनागोदर का निधन, गुरुग्राम के अस्पताल में ली आखिरी सांस
न्यायाधीश न्यायमूर्ति मोहन एम शांतनागोदर कोरोना से संक्रमित थे या नहीं. इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है.
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस मोहन एम शांतनागोदर का शनिवार देर रात गुरुग्राम के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया. वह 62 साल के थे. जानकारी के अनुसार, न्यायमूर्ति शांतनागोदर को फेफड़े में संक्रमण के चलते मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था और वह आईसीयू में थे.
न्यायालय के एक अधिकारी ने कहा, 'शनिवार देर रात तक उनकी हालत स्थिर बताई गई थी. हालांकि, देर रात करीब 12:30 बजे उनका इलाज कर रहे डॉक्टरों ने परिवार को यह दुखद समाचार दिया.' हालांकि इस बात की पुष्टि नहीं की गई है कि न्यायाधीश कोरोना वायरस से संक्रमित थे या नहीं.
न्यायमूर्ति शांतनागोदर को 17 फरवरी 2017 को सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के तौर पर पदोन्नत किया गया था. उनका जन्म पांच मई 1958 को कर्नाटक में हुआ था. उन्होंने पांच सितंबर 1980 को एक वकील के तौर पर पंजीकरण कराया था. सुप्रीम कोर्ट में पदोन्नत किए जाने से पहले न्यायमूर्ति शांतनागोदर केरल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रहे.
देश में एक्टिव मरीजों की संख्या 25 के पार
देश में कोरोना संकट महामारी की वजह से स्थिति और विकट हो गई है. देश में एक दिन में कोविड-19 के 3,46,786 नए मामले सामने आने के साथ संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 1,66,10,481 पर पहुंच गए जबकि उपचाराधीन मरीजों की संख्या 25 लाख से अधिक हो गई है. इन आंकड़ों के मुताबिक एक दिन में 2,624 संक्रमितों की मौत होने से मृतकों की संख्या बढ़कर 1,89,544 हो गई है. कोविड-19 के रोजाना नए मामलों में से 74.15 फीसदी मामले महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और दिल्ली समेत कुल दस राज्यों से हैं.
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