कोरोना वायरस के संकट के अलावा भारत में पिछले तीन महीने से प्रवासी मजदूरों का पलायन लगातार जारी है. सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एन वी रमन ने मजदूरों के पलायन पर चिंता जाहिर की है. एन वी रमन ने प्रवासी मजदूरों की घर वापसी को बड़ा संकट बताया है. इसके साथ ही उनका कहना है कि प्रवासी मजदूरों के घर वापस जाने से गरीबी, असमानता और भेदभाव में बढ़ोतरी होगी.


न्यायमूर्ति रमन ने राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा अयोजित एक वेबिनार में इन सब बातों पर चिंता जाहिर की. उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस से निपटने के लिए लागू किए गए लॉकडाउन के कारण पारिवारिक हिंसा एवं बाल उत्पीड़न की घटनाएं भी बढ़ी हैं.


उन्होंने कहा कि लॉकडाउन लागू होने के बाद हजारों लोगों की मौत हो गई और बड़ी संख्या में लोगों की आजीविका छिन गई तथा बड़ी संख्या में प्रवासी श्रमिकों ने अपने घरों की ओर पलायन किया.


न्यायमूर्ति रमन ने कहा, ''इस वैश्विक महामारी ने हमारे सामने कई समस्याएं पैदा कर दी हैं. इनमें सबसे बड़ी समस्या प्रवासी श्रमिकों की घर वापसी है. व्यापक स्तर पर प्रवासी श्रमिकों की घर वापसी से गरीबी, असमानता और भेदभाव बढ़ेगा.''


बता दें कि मार्च के तीसरे हफ्ते से ही देशभर में मजदूरों का पलायन शुरू हो गया था. दूसरे राज्यों से सबसे बड़ी संख्या में मजदूर बिहार और उत्तर प्रदेश में वापस लौटे हैं. लॉकडाउन के दौरान लाखों की संख्या में मजदूर पैदल सड़कों पर चलने को मजबूर थे.


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