(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
सुप्रीम कोर्ट के दूसरे सबसे सीनियर जज रोहिंटन फली नरीमन आज होंगे रिटायर, जानें उनकी उपलब्धियां
जस्टिस रोहिंटन मार्च 2019 से सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम का हिस्सा रहे हैं. अब इस हफ्ते उनकी जगह जस्टिस नागेश्वर राव कॉलेजियम में जगह लेंगे.
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के दूसरे सबसे सीनियर जज रोहिंटन फली नरीमन गुरुवार को रिटायर हो रहे हैं. उन्हें सपाट और अपनी बेबाक बोली के लिए जाना जाता है. अपने पिछले 35 सालों की वकालत के दौरान वह 500 से ज्यादा सुप्रीम कोर्ट के निर्णयों को अपने खाते में दर्ज करा चुके हैं. जस्टिस रोहिंटन के तौर पर उन्होंने अपने सात साल की सुप्रीम कोर्ट की सेवा में कई अहम फैसले सुनाए. सबरीमाला मंदिर, तीन तलाक खत्म करने, आईटी एक्ट की धारा 66ए को रद्द करना, एलजीबीटी अधिकार, मणिपुर पुलिस मुठभेड़ में मारे गए लोगों की जांच करने जैसे कई मामलों पर फैसले सुनाए हैं.
जस्टिस रोहिंटन फली नरीमन की शुरुआती पढ़ाई मुंबई में हुई थी. उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से पहले बीकॉम किया और फिर कानून की डिग्री हासिल की. हार्डवर्ड लॉ स्कूल से एलएलएम की पढ़ाई की. इसके बाद एक साल तक न्यूयॉर्क में एक लॉ फर्म के साथ वकालत की. फिर भारत आकर सुप्रीम कोर्ट में वकालत शुरू कर दी. 37 साल की उम्र में सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट बन गए. सुप्रीम कोर्ट का सीनियर एडवोकेट बनने के लिए तब मिनिमम उम्र 45 साल थी. लेकिन उनके लिए सुप्रीम कोर्ट ने अपने नियमों में बदलाव किया.
अपने धर्म के शीर्ष पुजारी
रोहिंटन फली सुप्रीम कोर्ट के एक ऐसे जज रहे, जो अपने धर्म के शीर्ष पुजारी भी रहे. रोहिंटन फली पुजारी परिवार से ताल्लुख रखते हैं. 12 साल की उम्र में ही उन्होंने बांद्रा अग्यारी में पारसी धर्म का पुजारी बनने की दीक्षा ली थी. इसके बाद उन्होंने पारसी समुदाय के कई लोगों की शादी और बच्चों के संस्कार भी कराए हैं.
रोहिंटन फली नरीमन को कांग्रेस नीत यूपीए सरकार ने 27 जुलाई 2011 को सॉलिसिटर जनरल नियुक्त किया था. लेकिन कुछ मतभेदों के चलते 4 फरवरी 2013 को उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद 7 जुलाई 2014 को मोदी सरकार ने उन्हें सीनियर एडवोकेट से सीधे सुप्रीम कोर्ट में जज बनाने की मंजूरी दे दी.
जस्टिस रोहिंटन की उपलब्धियों पर एक नजर
- बांद्रा अग्यारी से पुजारी नियुक्त हुए
- न्यूयॉर्क में पारसी संघ में लेक्चर दिए
- साल 2000 में आईआईसी दिल्ली में 'सर्च' पर लेक्चर दिए
- साल 2005 में में फिलाडेल्फिया में धर्म पर कई चर्चाएं की
- 2003 में अहमदाबाद पारसी पंचायत के निमंत्रण पर अहमदाबाद में दो व्याख्यान दिए
- दिल्ली में दो साल तक पाक्षिक गाथा कक्षाएं आयोजित की
- 27 जुलाई 2011 से 4 फरवरी 2013 तक भारत के सॉलिसिटर जनरल
- 7 जुलाई 2014 को सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश नियुक्त हुए
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