Supreme Court: 'न्यायपालिका में महिलाओं का प्रतिनिधित्व...', विदाई भाषण में बोले जस्टिस एस अब्दुल नज़ीर, इस श्लोक का भी किया जिक्र
Supreme Court: जस्टिस नज़ीर ने अपनी विदाई भाषण में न्याय व्यवस्था में अभी और सुधार लाने की बात कही. उन्होंने न्यायपालिका में महिलाओं के पर्याप्त प्रतिनिधित्व की कमी पर चिंता भी जताई.
![Supreme Court: 'न्यायपालिका में महिलाओं का प्रतिनिधित्व...', विदाई भाषण में बोले जस्टिस एस अब्दुल नज़ीर, इस श्लोक का भी किया जिक्र Supreme Court Justice S Abdul Nazeer expresses concern over lack of women representation in judiciary Supreme Court: 'न्यायपालिका में महिलाओं का प्रतिनिधित्व...', विदाई भाषण में बोले जस्टिस एस अब्दुल नज़ीर, इस श्लोक का भी किया जिक्र](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/01/04/e2e7c29f507de821bc90299c0da90a101672850834355607_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Justice S. Abdul Nazeer Retired: जस्टिस एस. अब्दुल नज़ीर बुधवार (04 जनवरी) को सुप्रीम कोर्ट से रिटायर हो गए. जस्टिस नज़ीर के जीवन में तीन तलाक कानून पर रोक और अयोध्या विवाद केस सबसे बड़ा रहा. अयोध्या विवाद केस में उनका फैसला भी एक नज़ीर बन गया. इस केस का फैसला करने वाली संविधान पीठ के एकमात्र मुस्लिम न्यायाधीश होते हुए भी वह सर्वसम्मत फैसला सुनाने के लिए सहमत हुए.
जस्टिस नज़ीर ने अपनी विदाई भाषण में न्याय व्यवस्था में अभी और सुधार लाने की बात कही. इस दौरान उन्होंने न्यायपालिका की एक ऐसी कमी को उजागर कर दिया, जिसपर बड़ी जल्दी और ठोस कदम उठाने की जरूरत है. अपने विदाई भाषण में उन्होंने न्यायपालिका में महिलाओं के पर्याप्त प्रतिनिधित्व की कमी पर चिंता जताई.
महिलाओं के प्रतिनिधित्व पर चिंता जताई
जस्टिस नज़ीर ने कहा, "न्यायपालिका में महिलाओं का प्रतिनिधित्व अब भी बहुत कम है." उन्होंने कहा, "हमेशा सुधार और बदलाव की गुंजाइश रहती है. उदाहरण के लिए अगर मैं कहूं कि भारतीय न्यायपालिका हमारे समाज में मौजूद लैंगिक असमानताओं से मुक्त है, तो मैं वास्तविकता से कोसों दूर हूं. न्यायपालिका में महिलाओं का प्रतिनिधित्व अब भी बहुत कम है."
CJI चंद्रचूड़ पर जताया भरोसा
जस्टिस नज़ीर ने CJI चंद्रचूड़ के नेतृत्व में इस कमी के भी दूर होने की उम्मीद जताई. उन्होंने कहा, "उच्चतम न्यायालय ने हमेशा बेहतरी के लिए प्रयास किया है और मैं विनम्रतापूर्वक स्वीकार करता हूं कि इसकी स्थापना के बाद से यह एक लंबा सफर तय कर चुका है. मुझे यकीन है कि चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ के मार्गदर्शन में यह शीर्ष संस्था आज के समय की चुनौतियों का सामना करने के लिए पूरी तरह तैयार है लेकिन सुधार की गुंजाइश फिर भी मौजद है."
श्लोक के साथ समाप्त किया भाषण
अयोध्या में राम मंदिर के पक्ष में फैसला सुनाने वाले जस्टिस नज़ीर ने एक श्लोक के साथ अपने विदाई भाषण का अंत किया. उन्होंने कहा, "मैं इस श्लोक के साथ समाप्त करता हूं जो मेरे साथ सबसे अधिक लागू होता है." इसके बाद उन्होंने श्लोक पढ़ा. उन्होंने कहा, "धर्मे सर्वम प्रतिष्ठाम तस्माद धर्मं परमं वदंती. इसका मतलब है कि इस दुनिया में सब कुछ धर्म पर आधारित है, इसलिए यह परम सर्वोच्च है. धन्यवाद, जय हिंद!" बता दें कि जस्टिस नज़ीर के सम्मान में सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन की ओर से विदाई समारोह का आयोजन किया गया था.
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