नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर के प्रदूषण को लेकर बेहद सख्त टिप्पणी की है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बहुत हो गया, सरकारों का एक दूसरे पर ठीकरा फोड़ना नहीं चलेगा. कोर्ट ने यह भी कहा कि दिल्ली हर साल घुट रही है और हम कुछ भी कर पाने में असर्मथ हैं. बता दें कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने पर्यावरण पैनल ने दिल्ली में हेल्थ इमरजेंसी लगाने का एलान किया था.


सुप्रीम कोर्ट ने आज सुनवाई के दौरान कहा, ''दिल्ली हर साल घुट रही है और हम कुछ भी कर पाने में असमर्थ हैं. यह हर साल होता है और 10-15 दिन तक चलता है. यह किसी भी सभ्य देश में नहीं होता. जीने का अधिकार सबसे महत्वपूर्ण है.''





वायु प्रदूषण पर सर्वोच्च अदालत ने कहा, ''इस तरीके से हम जिंदा नहीं रह सकते. केंद्र को काम करना चाहिए राज्य को भी काम करना चाहिए. अब बहुत हो गया. शहर में कोई ऐसा कमरा नहीं है जहां जीवन सुरक्षित हो, यहां तक कि घरों में भी नहीं. हम इस वजह से अपने जीवन के महत्वपूर्ण साल खो रहे हैं. पर्यावरण मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी और विशेषज्ञ को बुलाएं. हम समाधान जानना चाहते हैं.''


दिल्ली शुरू हुआ ऑड ईवन, जमकर हुई राजनीति
दिल्ली में प्रदूषण कम करने के लिए आज से ऑड-ईवन की शुरुआत हुई, पहले दिन कहीं ट्रैफिक पुलिस लोगों को समझाती दिखी. कहीं-कहीं लोगों का चालान भी कटा गया. ऑड ईवन लागू हुआ तो दिल्ली के नेताओं ने भी इसका पालन किया लेकिन इसके बीच वो सियासत से भी नहीं चूके. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल साथी गोपाल राय के साथ कार पूल कर ऑफिस पहुंचे वहीं डिप्टी सीएम सिसोदिया साइकिल से सवार होकर गए.


ऑड ईवन को लेकर केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार में जमकर तकरार भी हुई. केंद्रीय पर्यावरण मंत्री जावड़ेकर ने दिल्ली सरकार पर सिर्फ विज्ञापन के जरिए सिर्फ वाह वाही लूटने का आरोप लगा दिया. जावड़ेकर के बयान से भड़के केजरीवाल ने पर्यावरण मंत्री को करारा जवाब दिया. उन्होंने कहा कि पड़ोसी राज्यों से पराली का धुआं दिल्ली आ रहा है. लेकिन किसानों की मदद के लिए सरकार कुछ नहीं कर रही है.