Prevention of Money Laundering Act: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से आज विपक्ष को बड़ा झटका लगा है. कोर्ट ने पीएमएलए के खिलाफ दायर याचिका को रद्द करते हुए इस कानून को बिल्कुल सही करार दिया. सर्वोच्च अदालत ने पूरे मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि ईडी को समन भेजने और गिरफ्तारी का अधिकार है.    


गौरतलब है कि इसके खिलाफ दायर याचिका में कहा गया था कि PMLA के कई प्रावधान कानून के खिलाफ हैं. गलत तरीके से पैसा कमाने का मुख्य अपराध साबित न होने पर भी पैसे को इधर-उधर भेजने के आरोप में PMLA का मुकदमा चलता रहता है. दलीलों में कहा गया है कि, इसका इस्तेमाल गलत तरीके से किया जाता है. साथ ही इस कानून में अधिकारियों को मनमाने अधिकार दिए गए हैं. वहीं, मुख्य अपराध साबित न होन पर भी मुकदमा लंबा चलता रहता है. ये वो दलीलें है जिनके आधार पर सुप्रीम कोर्ट में मनी लॉंड्रिंग एक्ट को चुनौती दी गई है.


विजय माल्या, नीरव मोदी जैसे लोग इसी कानून के तहत हुए गिरफ्तार- सरकार ने कानून के पक्ष में कहा


वहीं सरकार की ओर से इस कानून के पक्ष में कहा गया है कि लोगों ने कार्रवाई से बचने के लिए इस प्रकार की याचिका दायर की है. ये वहीं कानून है जिसकी मदद से विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहूल चौकसी जैसे लोगों से अबतक बैंकों के 18 हजार करोड़ रूपए वसूले गए हैं.  बता दें, पीएमएलए के कई अलग-अलग पहलुओं पर 100 से ज्यादा याचिकाएं दायर की गई हैं जिसके बाद शीर्ष अदालत ने अदालत ने इन सभी को एक साथ कल्ब कर दिया. 


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