बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में एक अजीबो-गरीब मामला सामने आया जिसने मुख्य न्यायधीश एन.वी रमणा और उनकी पीठ के अन्य जजों जस्टिस कृष्णा मुरारी और जस्टिस हिमा कोहली को आश्चर्य में डाल दिया. यह मामला एक वैवाहिक विवाद का था जिसमें पति और पत्नी ने 41 साल के संबंध में एक दूसरे पर 60 से भी ज्यादा मुकदमे दर्ज कराये हैं. दंपत्तियों ने यह मुकदमे उनकी शादी के तीस साल बाद के बाद हुए अलगाव के बाद कराए हैं.
इस मामले पर मध्यस्थता का आदेश देते हुए मुख्य न्यायाधीश एन.वी रमणा ने टिप्पणी करते हुए कहा कि कुछ लोगों को लड़ाई की आदत होती है,अगर वह दिन में एक बार कोर्ट नहीं देखें तो रात को उनको नींद नहीं आती है. रमणा ने इस विवाद के सौहार्दपूर्ण समाधान के आदेश दिए हैं.
मामला सुनने के बाद हैरान रह गई पीठ
जब मुख्य न्यायाधीश की पीठ के समक्ष यह मामला लाया गया और जब उनको बताया गया कि इन दंपत्तियों ने अलगाव के 11 सालों में एक दूसरे पर 60 से अधिक मुकदमें दर्ज कराए हैं तो वह हैरान रह गये. पीठ ने दोनों दंपत्तियों को अनिवार्य मध्यस्थता का आदेश दिया. इसके साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया कि चूंकि मध्यस्थता एक समयबद्ध तय प्रक्रिया है इसलिए इस दौरान पार्टियों को अन्य लंबित मामलों को आगे बढ़ाने की अनुमति नहीं दी जा सकती है.