एक्सप्लोरर

CEC Appointment: चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति को पारदर्शी बनाने पर SC ने फैसला सुरक्षित रखा, आज कोर्ट में क्या कुछ हुआ?

Chief Election Commissioner: मुख्य चुनाव आयुक्त के पद पर बैठा व्यक्ति ऐसा होना चाहिए, जो किसी से भी प्रभावित हुए बिना अपना काम कर सके. चुनाव आयुक्त की चयन प्रक्रिया में चीफ जस्टिस के शामिल होना जरूरी.

 CEC Appointment: मुख्य चुनाव आयुक्त और 2 चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति में ज़्यादा पारदर्शिता लाने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. याचिका में मांग की गई है कि चुनाव आयुक्त का चयन चीफ जस्टिस, पीएम और नेता विपक्ष की कमेटी को करना चाहिए. इस बड़े संवैधानिक पद पर सीधे सरकार की तरफ से नियुक्ति सही नहीं है.

जस्टिस के एम जोसफ की अध्यक्षता वाली 5 जजों की संविधान पीठ ने 4 दिन तक मामले की सुनवाई की. बेंच के बाकी 4 सदस्य, जस्टिस अजय रस्तोगी, ऋषिकेश रॉय, अनिरुद्ध बोस और सी टी रविकुमार हैं. सुनवाई के अंत में बेंच ने सभी पक्षों से कहा कि वह 5 दिन में अपनी दलीलें संक्षेप में लिख कर कोर्ट में जमा करवाएं.

निष्पक्ष और मजबूत हो CEC
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा, "मुख्य चुनाव आयुक्त के पद पर बैठा व्यक्ति ऐसा होना चाहिए, जो किसी से भी प्रभावित हुए बिना अपना काम कर सके. अगर प्रधानमंत्री पर भी कोई आरोप हो तो CEC अपना दायित्व मजबूती से निभा सके. चुनाव आयुक्त की चयन प्रक्रिया में चीफ जस्टिस के शामिल होने से यह सुनिश्चित हो सकेगा कि एक निष्पक्ष और मज़बूत व्यक्ति इस अहम संवैधानिक पद पर पहुंचे." 

टी एन शेषन को किया याद
5 जजों की बेंच ने भारत के 10वें मुख्य चुनाव आयुक्त टी एन शेषन को भी याद किया. 1990 से 1996 के बीच CEC रहे शेषन इस बात जाने जाते हैं कि उन्होंने कड़े फैसले लेकर चुनाव प्रक्रिया में बड़े सुधार किए. जजों ने कहा, "देश में कई CEC हुए, लेकिन शेषन जैसा कोई कम ही हो पाता है".

6 साल का कार्यकाल क्यों नहीं?
कोर्ट ने इस बात पर भी सवाल उठाया कि 2004 के बाद से किसी भी मुख्य चुनाव आयुक्त का कार्यकाल 6 साल का नहीं रहा है, जबकि 'चीफ इलेक्शन कमिश्नर और इलेक्शन कमिश्नर (कंडीशंस ऑफ सर्विस) एक्ट, 1991 CEC का कार्यकाल 6 साल होने की बात कहता है. ऐसा इसलिए हो रहा है, क्योंकि CEC की रिटायरमेंट आयु 65 वर्ष है. जब तक कोई इस पद पर पहुंचता है, उसके रिटायरमेंट आयु में पहुंचने में 6 साल से काफी कम समय बचता है.

अरुण गोयल की नियुक्ति पर सवाल
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से 19 नवंबर को नियुक्त हुए चुनाव आयुक्त अरुण गोयल को चुने जाने से जुड़ी फ़ाइल पेश करने के लिए कहा था. इसे देखकर कोर्ट ने कई कड़े सवाल किए. जजों ने कहा, "15 मई से पद खाली था. अचानक 24 घंटे से भी कम समय में नाम भेजे जाने से लेकर उसे मंजूरी देने की सारी प्रक्रिया पूरी कर दी गई. 15 मई से 18 नवंबर के बीच क्या हुआ?"

कोर्ट ने यह भी पूछा, "कानून मंत्री ने 4 नाम भेजे. सवाल यह भी है कि यही 4 नाम क्यों भेजे गए? कहीं ऐसा तो नहीं कि सिर्फ सरकार को पसंद आने वाले लोगों के नाम भेजे गए? फिर उसमें से सबसे जूनियर अधिकारी को कैसे चुना गया. रिटायर होने जा रहे अधिकारी ने इस पद पर आने से पहले VRS लिया. क्या यह सिर्फ संयोग है?"

छोटी-छोटी बातों की न हो समीक्षा
कोर्ट के सवालों का जवाब देते हुए अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमनी ने कहा, "नियुक्ति प्रक्रिया में कुछ गलत नहीं हुआ. पहले भी 12 से 24 घंटे में नियुक्ति हुई हैं. जो 4 नाम  भेजे गए, वह कार्मिक विभाग (DoPT) के डेटाबेस से लिए गए. वह सार्वजनिक रूप से उपलब्ध है. नाम लिए जाते समय वरिष्ठता, रिटायरमेंट, उम्र आदि को देखा जाता है. इसकी पूरी व्यवस्था है. यह यूं ही नहीं किया जाता. सवाल यह है कि क्या कार्यपालिका की छोटी-छोटी बातों की यहां समीक्षा होगी. पद के लिए चुने जाते समय अधिकारी की वरिष्ठता इस बात से तय नहीं होती कि उसकी जन्मतिथि क्या है, यह देखा जाता है कि वह किस बैच का अधिकारी है."

हम सरकार के खिलाफ नहीं
बेंच के अध्यक्ष जस्टिस जोसफ ने अटॉर्नी जनरल को आश्वासन देते हुए कहा, "हम सिर्फ प्रक्रिया को समझना चाह रहे हैं. आप यह मत समझिए कि कोर्ट ने आपके विरुद्ध मन बना लिया है न हम अभी चुने गए अधिकारी की योग्यता पर सवाल उठा रहे हैं." अटॉर्नी जनरल ने एक बार फिर कहा, "सिर्फ याचिकाकर्ता की आशंकाओं के आधार पर कोर्ट को दखल नहीं देना चाहिए. ऐसा कुछ भी नहीं हुआ जिसके चलते यह कहा जाए कि चुनाव आयोग सही ढंग से काम नहीं कर रहा है".

याचिकाकर्ता की दलील
याचिकाकर्ता अनूप बरनवाल के वकील प्रशांत भूषण ने कहा, "अगर 1985 बैच की भी बात की जाए तो 150 से अधिक लोग उपलब्ध थे. उनमें से कई ऐसे हैं, जिन्हें अगर चुना जाता तो वह अरुण गोयल से अधिक समय तक पद पर रहते. इस अहम पद के लिए चयन का अधिकार सिर्फ सरकार के पास नहीं होना चाहिए."

याचिकाकर्ता पक्ष के दूसरे वरिष्ठ वकील गोपाल शंकरनारायण ने कहा, "आखिर 59-60 साल के ही अधिकारी चुनाव आयोग क्यों भेजे जा रहे हैं? 50-52 साल के क्यों नहीं? इससे वह आयोग में पूरा समय बिताएंगे. 65 साल की उम्र में रिटायर होने से पहले मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में 6 साल का कार्यकाल भी पा सकेंगे."

और भी हैं मांगें
मामले में कुल 4 याचिकाओं पर सुनवाई हुई. इनमें चुनाव आयुक्त की नियुक्ति के अलावा यह मांगें भी उठाई गई हैं कि चुनाव आयोग को चुनाव से जुड़े नियम बनाने का अधिकार मिले, इसका एक अलग सचिवालय हो, चुनाव आयोग का बजट अलग से रखा जाए. मुख्य चुनाव आयुक्त की तरह का संवैधानिक संरक्षण बाकी चुनाव आयुक्तों को भी मिले. हालांकि, इन मुद्दों पर सुनवाई के दौरान अधिक चर्चा नहीं हुई.

ये भी पढ़ें:CEC Appointment Row: चुनाव आयुक्त की नियुक्ति पर क्यों मचा है बवाल, जानें कैसे होता है चयन और कितना होता है कार्यकाल

और देखें
Advertisement

IPL Auction 2025

Most Expensive Players In The Squad
Virat Kohli
₹21 CR
Josh Hazlewood
₹12.50 CR
Phil Salt
₹11.50 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Rishabh Pant
₹27 CR
Nicholas Pooran
₹21 CR
Ravi Bishnoi
₹11 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Jasprit Bumrah
₹18 CR
Suryakumar Yadav
₹16.35 CR
Hardik Pandya
₹16.35 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Heinrich Klaasen
₹23 CR
Pat Cummins
₹18 CR
Abhishek Sharma
₹14 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Ruturaj Gaikwad
₹18 CR
Ravindra Jadeja
₹18 CR
Matheesha Pathirana
₹13 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Shreyas Iyer
₹26.75 CR
Arshdeep Singh
₹18 CR
Yuzvendra Chahal
₹18 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Sanju Samson
₹18 CR
Yashaswi Jaiswal
₹18 CR
Riyan Parag
₹14 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Venkatesh Iyer
₹23.75 CR
Rinku Singh
₹13 CR
Varun Chakaravarthy
₹12 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Rashid Khan
₹18 CR
Shubman Gill
₹16.50 CR
Jos Buttler
₹15.75 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Axar Patel
₹16.50 CR
KL Rahul
₹14 CR
Kuldeep Yadav
₹13.25 CR
View all
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

Bangladesh: ISCKON के चिन्मय प्रभु की गिरफ्तारी पर भारत की बांग्लादेश को दो टूक! कहा-'हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करो'
ISCKON के चिन्मय प्रभु की गिरफ्तारी पर भारत की बांग्लादेश को दो टूक! कहा-'हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करो'
मुंबई इंडियंस से KKR और RCB तक, जानें ऑक्शन के बाद अब कैसी दिखती हैं सभी 10 टीमें
मुंबई इंडियंस से KKR और RCB तक, जानें ऑक्शन के बाद अब कैसी दिखती हैं सभी 10 टीमें
Prayagraj: संभल हिंसा पर शुरू हुई सियासत, सपा ने प्रयागराज में लगाए विवादित पोस्टर, पुलिस ने हटाया
संभल हिंसा पर शुरू हुई सियासत, सपा ने प्रयागराज में लगाए विवादित पोस्टर, पुलिस ने हटाया
'इज्ज़त से समझौता नहीं', तलाक की खबरों के बीच ऐश्वर्या राय ने शेयर किया वीडियो, देखें यहां
'इज्ज़त से समझौता नहीं', तलाक की खबरों के बीच ऐश्वर्या राय ने शेयर किया वीडियो, देखें यहां
Advertisement
ABP Premium

वीडियोज

Sambhal News: SP प्रतिनिधिमंडल अब नहीं जाएगा संभल | ABP NEWSBreaking News : संविधान दिवस के मौके पर CM Yogi का बड़ा बयान | UP NewsConstitution Day के मौके पर केंद्रीय मंत्री JP Nadda का जोरदार संबोधन | BJP | Breaking News

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
Bangladesh: ISCKON के चिन्मय प्रभु की गिरफ्तारी पर भारत की बांग्लादेश को दो टूक! कहा-'हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करो'
ISCKON के चिन्मय प्रभु की गिरफ्तारी पर भारत की बांग्लादेश को दो टूक! कहा-'हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करो'
मुंबई इंडियंस से KKR और RCB तक, जानें ऑक्शन के बाद अब कैसी दिखती हैं सभी 10 टीमें
मुंबई इंडियंस से KKR और RCB तक, जानें ऑक्शन के बाद अब कैसी दिखती हैं सभी 10 टीमें
Prayagraj: संभल हिंसा पर शुरू हुई सियासत, सपा ने प्रयागराज में लगाए विवादित पोस्टर, पुलिस ने हटाया
संभल हिंसा पर शुरू हुई सियासत, सपा ने प्रयागराज में लगाए विवादित पोस्टर, पुलिस ने हटाया
'इज्ज़त से समझौता नहीं', तलाक की खबरों के बीच ऐश्वर्या राय ने शेयर किया वीडियो, देखें यहां
'इज्ज़त से समझौता नहीं', तलाक की खबरों के बीच ऐश्वर्या राय ने शेयर किया वीडियो, देखें यहां
IPL 2025 की नीलामी में ऑस्ट्रेलिया के बिके 12 खिलाड़ी, जानें किसे मिला सबसे ज्यादा पैसा
IPL 2025 की नीलामी में ऑस्ट्रेलिया के बिके 12 खिलाड़ी, जानें किसे मिला सबसे ज्यादा पैसा
नाखूनों में नेल पेंट लगाने वाली लड़कियां हो जाएं सावधान, हो सकती है ये जानलेवा बीमारी
नाखूनों में नेल पेंट लगाने वाली लड़कियां हो जाएं सावधान, हो सकती है ये जानलेवा बीमारी
खाई या अधूरा पुल, क्‍या ADAS कर पाएगा आपको अलर्ट? जानें क्‍या कहते हैं Expert
खाई या अधूरा पुल, क्‍या ADAS कर पाएगा आपको अलर्ट? जानें क्‍या कहते हैं Expert
वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन को मंजूरी, इतने हजार करोड़ का होगा निवेश, जानें कितने स्टूडेंट्स को होआ फायदा?
वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन को मंजूरी, इतने हजार करोड़ का होगा निवेश, जानें कितने स्टूडेंट्स को होआ फायदा?
Embed widget