नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट (SC) ने फिलहाल कांग्रेस में शामिल हुए राजस्थान के 6 बीएसपी विधायकों की अयोग्यता के मामले में दखल देने से मना किया है. अदालत ने कहा कि हाई कोर्ट में इस मामले पर सुनवाई लंबित है.
बीजेपी के विधायक मदन दिलावर और बीएसपी ने विधानसभा अध्यक्ष के आदेश को लागू करने पर रोक लगाने का अनुरोध किया है. विधानसभा अध्यक्ष ने पिछले साल विलय को मंजूरी दी थी.
याचिकाकर्ताओं के वकील ने दलील दी कि यह विलय देश के दल-बदल कानून, संविधान की दसवीं अनुसूची के प्रावधानों के खिलाफ है. वहीं विधानसभाध्यक्ष के वकीलों का कहना है कि याचिकाएं विचार योग्य नहीं है.
संदीप यादव, वाजिब अली, दीपचंद खेरिया, लखन मीणा, जोगेंद्र अवाना और राजेंद्र गुधा ने 2018 के विधानसभा चुनाव में बीएसपी उम्मीदवार के तौर पर जीत हासिल की थी और बाद में पाला बदलकर कांग्रेस में शामिल हो गए.
इन विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने से अशोक गहलोत सरकार को मजबूती मिली और 200 सदस्यीय विधानसभा में पार्टी की संख्या 107 हो गयी.
विधायकों ने पिछले साल 16 सितंबर को कांग्रेस में विलय के लिए याचिका दी थी और दो दिन बाद विधानसभा अध्यक्ष ने एक आदेश के जरिए इसे मंजूरी दे दी.
अब शुक्रवार को विधानसभा का सत्र है. बीएसपी विधायकों का कहना है कि वह कांग्रेस के साथ हैं. ऐसे में साफ है कि सचिन पायलट से सुलह के बाद अब अशोक गहलोत की सरकार और अधिक मजबूत दिखेगी.
आज ही बीजेपी ने कहा है कि वह अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव लाएगी. बीजेपी विधायक दल की हुई बैठक में यह फैसला किया गया. नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने बैठक के बाद कहा कि विधानसभा के शुक्रवार से शुरू हो रहे सत्र में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जाएगा.