नई दिल्ली: मध्य प्रदेश के दमोह में कांग्रेस नेता देवेंद्र चौरसिया की हत्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आज राज्य सरकार को जम कर फटकार लगाई. हत्या का आरोप बीएसपी विधायक रामबाई के पति गोविंद सिंह पर है. आरोपी की 2 साल से गिरफ्तारी नहीं हुई है. इतना ही नहीं गोविंद के खिलाफ वारंट जारी करने वाले निचली अदालत के जज को भी परेशान किया जा रहा है. जज ने शिकायत की है कि उन्हें पुलिस धमका रही है.


बीएसपी से कांग्रेस में गए दमोह के कद्दावर नेता देवेंद्र चौरसिया की हत्या उन्हीं के क्रशर प्लांट में कर दी गई थी. 15 मार्च 2019 में हुई इस हत्या के लिए चौरसिया के परिजनों ने बीएसपी विधायक रामबाई के पति गोविंद, देवर चंदू समेत कुछ और लोगों को आरोपी बताया. मामले का मुख्य आरोपी गोविंद सिंह ठाकुर 2 साल से कोर्ट में पेश नहीं किया जा सका है.


इस साल फरवरी में दमोह के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश आर पी सोनकर ने विधायक के पति के खिलाफ वारंट जारी किया. बाद में उन्होंने ज़िला जज को चिट्ठी लिख कर बताया कि वारंट जारी करने के बाद से जिले के एसपी और दूसरे पुलिस अधिकारी उन्हें धमका रहे हैं.


इस मसले को दिवंगत देवेंद्र चौरसिया के बेटे सोमेश ने सुप्रीम कोर्ट में रखा. जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और एम आर शाह ने घटनाक्रम पर हैरानी जताई. उन्होंने राज्य के डीजीपी को गोविंद सिंह को गिरफ्तार करने का निर्देश दिया. जस्टिस चंद्रचूड़ ने पूरी घटना को जंगलराज कहा.


वहीं जस्टिस शाह ने कहा कि राज्य सरकार को यह मान लेना चाहिए कि वह संविधान के मुताबिक शासन नहीं कर सकती. नाराज़ जजों ने दमोह के एसपी को बर्खास्त करने की भी बात कही. हालांकि, अंत में ऐसा आदेश नहीं दिया.


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