Supreme Court on IOA: इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन (IOA) का कामकाज संभालने के लिए प्रशासक नियुक्त करने के दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने रोक लगा दी है. सोमवार 22 अगस्त को मामले की सुनवाई होगी. केंद्र सरकार IOA की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में मामला रखते हुए सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि हाईकोर्ट के आदेश के चलते अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक कमिटी भारत की सदस्यता रद्द कर सकता है.
16 अगस्त को दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस नजमी वज़ीरी और मनमोहन की बेंच ने कहा था कि IOA में सरकार की तरफ से तय नेशनल स्पोर्ट्स कोड का पालन नहीं हो रहा है.
दिल्ली हाईकोर्ट ने नियुक्त की थी कमिटी
दिल्ली हाईकोर्ट की बेंच ने राज्य ओलंपिक समितियों के कामकाज पर भी सवाल उठाए थे. जजों ने इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन (IOA) का प्रशासन चलाने के लिए पूर्व सुप्रीम कोर्ट जज जस्टिस अनिल दवे (Justice Anil R Dave), पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एस वाई कुरैशी (S Y Quraishi) और पुर्व विदेश सचिव विकास स्वरूप की कमिटी नियुक्त की थी.
राष्ट्रीय महत्व का मसला
सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता (Tushar Mehta) ने चीफ जस्टिस एन वी रमना और जस्टिस सी टी रविकुमार की बेंच के सामने मामला रखा. उन्होंने इसे राष्ट्रीय महत्व का मसला बताते हुए तुरंत सुनवाई की ज़रूरत बताई. मेहता ने कहा कि यह लगभग तय है कि अगर प्रशासक कमिटी IOA का कामकाज संभालेगी तो अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक कमिटी उसकी सदस्यता रद्द कर देगी.
22 अगस्त को होगी सुनवाई
सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता (Tushar Mehta) ने ये भी कहा कि यह भारत के खिलाड़ियों के लिए भविष्य से जुड़ा मसला है. चीफ जस्टिस एन वी रमना (N V Ramana) ने मामले की गंभीरता को देखते हुए दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी. उन्होंने निर्देश दिया कि सोमवार को मामला सुनवाई के लिए लगाया जाए.
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