Firecrackers Ban: अपने आदेश के बावजूद पटाखों में प्रतिबंधित सामग्री का इस्तेमाल करने वाली 6 कंपनियों को सुप्रीम कोर्ट ने आज नोटिस जारी किया. कोर्ट ने कहा है कि वह इन कंपनियों का लाइसेंस रद्द करने पर विचार करेंगे. सीबीआई की प्राथमिक जांच में यह सामने आया है कि इन कंपनियों ने भारी मात्रा में बेरियम खरीद और उनका पटाखों में इस्तेमाल किया. मामले पर अगले हफ्ते सुनवाई होगी.
जिन कंपनियों को सुप्रीम कोर्ट ने आज नोटिस जारी किया है, वह हैं- हिंदुस्तान फायरवर्क्स, स्टैंडर्ड फायरवर्क्स, विनायगा फायरवर्क्स, मरिअम्मन, सूर्यकला और सेल्वा विनायगम. 3 मार्च 2020 को सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को एक शिकायत पर प्राथमिक जांच के लिए कहा था. इस शिकायत में कहा गया था कि यह कंपनियां ग्रीन क्रैकर्स के नाम से जिन पटाखों को बेच रही हैं, वह असल में पारंपरिक सामग्री से ही बनी हैं. सीबीआई ने पटाखे ज़ब्त किए, उनकी लैब में जांच करवाई और कोर्ट को रिपोर्ट दी.
सीबीआई की प्राथमिक रिपोर्ट में यह कहा गया है कि हिंदुस्तान और स्टैंडर्ड फायरवर्क्स के सैंपल में काफी गड़बड़ी मिली. दूसरी कंपनियों ने भी बेरियम सॉल्ट का इस्तेमाल किया है. सीबीआई ने यह भी बताया है कि इन कंपनियों ने भारी मात्रा में बेरियम खरीदा था. जांच के दौरान इनके भंडार में बेरियम मौजूद मिला. इन्होंने डब्बों पर निर्माण सामग्री को लेकर सही जानकारी नहीं दी. निर्माण की तारीख भी नहीं लगाई
सुप्रीम कोर्ट 2018 में ही ग्रीन क्रैकर्स के निर्माण और बिक्री का आदेश दे चुका है. आज जस्टिस एम आर शाह और ए एस बोपन्ना की बेंच ने सीबीआई की रिपोर्ट को गंभीर बताया. कोर्ट ने कहा कि वह इन कंपनियों का जवाब देखने के बाद इनका लाइसेंस रद्द करने पर विचार करेगा. सीबीआई को एफआईआर दर्ज करने के लिए भी कहा जा सकता है. अलग-अलग कंपनियों के लिए पेश वरिष्ठ वकीलों किरण सूरी और जयंत मुथराज ने कहा कि उन्होंने पेट्रोलियम एंड एक्सप्लोसिव सेफ्टी ऑर्गनाइजेशन (PESO) की तरफ से तय मानक के हिसाब से काम किया है. वह सीबीआई की रिपोर्ट पर जवाब दाखिल करेंगे.
देश में पटाखों की राजधानी कहे जाने वाले शिवकाशी के करीब 200 निर्माताओं की संस्था तमिलनाडु फायरवर्क्स एंड एमोर्सेस मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (TANFAMA) के वकील आत्माराम नाडकर्णी ने कहा कि अगर किसी कंपनी ने गलत किया तो सब पर पाबंदी नहीं लगनी चाहिए. मामले के याचिकाकर्ता जो मांग रख रहे हैं, उससे लाखों लोगों का रोजगार प्रभावित होगा.
केंद्र को फटकार
सुनवाई के अंत में केंद्र सरकार की वकील ऐश्वर्या भाटी ने कोर्ट से आगे का रास्ता निकालने पर विचार करने का भी अनुरोध किया. उन्होंने कहा कि पूरे रिसर्च के बाद तैयार की गई रिपोर्ट पर सुनवाई होनी चाहिए. इस पर कोर्ट ने कहा, "सरकार को क्यों इतनी बेचैन है. इस पहलू को भी देखा जाएगा. हमें पता है कि अगर आज ग्रीन पटाखों को अनुमति दी तो फिर बेरियम वाले पटाखे बाजार में आ जाएंगे. छोटे-छोटे बच्चे तक दमा से प्रभावित हो रहे हैं. लोगों के जीवन का अधिकार सबकी प्राथमिकता होनी चाहिए."
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