Supreme Court On Gautam Navlakha: न्यूज क्लिक के मामले में चीनी फंडिंग के हेर-फेर, भीमा कोरेगांव और अन्य कथित देशद्रोही गतिविधियों के मामले में आरोपी गौतम नवलखा को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (9 अप्रैल) को बड़ी टिप्पणी की. कोर्ट ने कहा है कि गौतम नवलखा अगर अपने घर पर ही अपनी नजरबंदी चाहते हैं तो इसके लिए सुरक्षा लागत का भुगतान करने के अपने दायित्व से बच नहीं सकते.


बार एंड बेंच की एक रिपोर्ट के मुताबिक न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश और न्यायमूर्ति एसवीएन भट्टी की पीठ ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एसवी राजू की ओर से सूचित किए जाने के बाद यह टिप्पणी की कि नवलखा पर एजेंसी का लगभग 1.64 करोड़ रुपये बकाया है.


सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?


दरअसल गौतम नवलखा ने भीमा कोरेगांव, चीनी फंडिंग समेत अन्य मामलों में अपने खिलाफ दाखिल मुकदमों के सिलसिले में गिरफ्तारी के बजाय घर पर ही नजरबंदी की मांग की है. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा, "अगर आपने घर में नजरबंदी मांगी है तो आपको सुरक्षा कवर की लागत तो चुकानी ही होगी. आप अपने दायित्व से बच नहीं सकते." अदालत भीमा कोरेगांव दंगा मामले में आरोपी नवलखा को जमानत देने के बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ एनआईए की अपील पर सुनवाई कर रही थी.


गौतम नवलखा भी भुगतान को तैयार?
 
नवलखा की ओर से पेश वकील शादान फरासत ने भुगतान करने की इच्छा व्यक्त की, लेकिन आंकड़ों पर सवा‌ल खड़ा किया. इसके खिलाफ एएसजी राजू ने कहा, "हर बार वे यही कहते हैं. मुझे आपकी फाइल नहीं, नोट का कागज देखना है." इस पर हस्तक्षेप करते हुए न्यायमूर्ति भट्टी ने इस बात पर जोर दिया कि पार्टियों को सहयोग करने की जरूरत है. इसके बाद अदालत ने मामले की सुनवाई 19 अप्रैल को तय की और तब तक नवलखा की जमानत पर अंतरिम रोक भी बढ़ा दी.


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