एक्सप्लोरर

SC-ST कोटे पर मिली नौकरी छोड़नी पड़ेगी? लाखों कर्मचारियों की इस परेशानी पर सुप्रीम कोर्ट ने जो कहा, वो आपको जरूर जानना चाहिए

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अपीलकर्ता 29 मार्च, 2003 के सरकारी परिपत्र के तहत अपनी नौकरी पर बने रहने के लिए हकदार हैं. राज्य सरकार को संविधान के तहत प्रकाशित SC-ST की सूची में संशोधन करने का हक नहीं है.

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार (28 अगस्त, 2024) को उन लाखों कर्मचारियों को राहत दी है, जिनकी अनुसूचित जाति- अनुसूचित जनजाति कोटे के तहत मिली सरकारी नौकरी पर तलवार लटक रही है. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने उन्हें बड़ी राहत दी है. इन लोगों को एससी-एसटी कोटे के तहत केंद्र सरकार और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में नौकरी मिली थी, लेकिन कर्नाटक सरकार ने उन समुदायों को एससी-एसटी कैटेगरी से बाहर कर दिया है, जिनसे ये लोग ताल्लुक रखते हैं. इन कर्मचारियों को इस आधार पर नौकरी से निकाले जाने का खतरा था. कर्नाटक हाईकोर्ट के आदेश पर इन लोगों के एंप्लॉयर्स ने कारण बताओ नोटिस जारी करके इनसे ये भी पूछा था कि उनकी सेवाएं क्यों बंद नहीं की जा नी चाहिए.

जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ ने कर्नाटक हाईकोर्ट के इस फैसले को खारिज कर दिया है. कोर्ट ने कहा कहा, 'हम मानते हैं कि प्रतिवादी बैंकों/उपक्रमों द्वारा अपीलकर्ताओं को कारण बताओ नोटिस जारी करने की प्रस्तावित कार्रवाई कायम नहीं रखी जा सकती और इसे रद्द किया जाता है.'

के. निर्मला समेत कोटेगारा अनुसूचित जाति और कुरुबा अनुसूचित जनजाति के कर्मचारियों को उनके बैंकों की तरफ से नोटिस जारी करके जावब देने को कहा गया था. ये लोग केनरा बैंक, ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के कर्मचारी हैं. सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के नियोक्ताओं ने कहा था कि इन कर्मचारियों की जातियां और जनजातियां अब अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों का हिस्सा नहीं हैं, इसलिए उन्हें उनकी नौकरियों में बने रहने की अनुमति नहीं दी जा सकती, जो उन्होंने आरक्षित श्रेणियों के तहत मिली थी.

कई याचिकाओं पर निर्णय करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इनमें आम बात यह है कि क्या कोई व्यक्ति, जो कर्नाटक में अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति प्रमाण पत्र के आधार पर किसी राष्ट्रीयकृत बैंक या भारत सरकार के उपक्रम में सेवा में शामिल हुआ हो, राज्य की ओर से उस जाति या जनजाति को सूची से हटा दिए जाने के बाद भी अपने पद पर बने रहने का हकदार होगा.

बेंच ने कहा, 'हम इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि अपीलकर्ता 29 मार्च, 2003 के सरकारी परिपत्र के आधार पर अपनी सेवाओं की सुरक्षा के हकदार हैं. कर्नाटक सरकार द्वारा 29 मार्च, 2003 को जारी परिपत्र में विशेष रूप से विभिन्न जातियों को संरक्षण प्रदान किया गया, जिनमें वे जातियां भी शामिल थीं जिन्हें 11 मार्च, 2002 के पूर्व सरकारी परिपत्र में शामिल नहीं किया गया था.'

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वित्त मंत्रालय ने अगस्त 2005 के एक पत्र में संबंधित बैंक कर्मचारियों को सुरक्षा कवच प्रदान किया था और उन्हें विभागीय और आपराधिक कार्रवाई से बचाया था. आदेश में उस फैसले का हवाला देते हुए कहा गया कि राज्य सरकार को संविधान के अनुच्छेद 341 और 342 के तहत प्रकाशित अनुसूचित जातियों और जनजातियों की सूची में संशोधन या परिवर्तन करने का कोई अधिकार नहीं है. कोर्ट ने कहा कि इस बात पर कोई विवाद नहीं है कि अपीलकर्ता कर्मचारियों ने कानून की उचित प्रक्रिया का पालन करके अपने एससी और एसटी प्रमाण पत्र प्राप्त किए थे.

यह भी पढ़ें:-
भारत में क्यों किसानों से ज्यादा खुदकुशी कर रहे हैं बच्चे? आंकड़ा रोंगटे खड़े करने वाला

और देखें
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

'कौन कहां है और क्या कर रहा है, सब पता है', जानिए किस तंत्र के बारे में बोले नौसेना प्रमुख
'कौन कहां है और क्या कर रहा है, सब पता है', जानिए किस तंत्र के बारे में बोले नौसेना प्रमुख
Patna Crime: राजधानी पटना में लुटेरों ने तनिष्क ज्वेलरी शॉप को बनाया निशाना, लाखों की लूट
राजधानी पटना में लुटेरों ने तनिष्क ज्वेलरी शॉप को बनाया निशाना, लाखों की लूट
फिल्म ‘तेरा यार हूं मैं’ के मुहूर्त पर पहुंचे अजय देवगन और आमिर खान, एकसाथ दिए रेड कार्पेट पर पोज
‘तेरा यार हूं मैं’ के मुहूर्त पर पहुंचे अजय देवगन और आमिर खान, देखें तस्वीरें
'बिना मांगे दहेज क्यों दिया?' ससुराल वालों के खिलाफ अदालत पहुंचा दामाद, जानिए क्या हुआ फैसला?
'बिना मांगे दहेज क्यों दिया?' ससुराल वालों के खिलाफ अदालत पहुंचा दामाद, जानिए क्या हुआ फैसला?
Advertisement
ABP Premium

वीडियोज

Baba Bageshwar Exclusive: 'सनातन सबका बाप है...' बाबा बागेश्वर का ऐसा इंटरव्यू नहीं देखा होगा | ABPSandeep Chaudhary : नेताओं के जहरीले बोल...EC का कब हल्लाबोल? BJP | Congress | CM Yogi | BreakingMahaKumbh 2025: महाकुंभ में गैर हिंदुओं की एंट्री पर बैन ? | ABP News | Prayagraj NewsMaharashtra Election 2024 : महाराष्ट्र में 'मुस्लिम वोट' का 'सौदा'? वोट लो...बदले में आरक्षण दो?

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
'कौन कहां है और क्या कर रहा है, सब पता है', जानिए किस तंत्र के बारे में बोले नौसेना प्रमुख
'कौन कहां है और क्या कर रहा है, सब पता है', जानिए किस तंत्र के बारे में बोले नौसेना प्रमुख
Patna Crime: राजधानी पटना में लुटेरों ने तनिष्क ज्वेलरी शॉप को बनाया निशाना, लाखों की लूट
राजधानी पटना में लुटेरों ने तनिष्क ज्वेलरी शॉप को बनाया निशाना, लाखों की लूट
फिल्म ‘तेरा यार हूं मैं’ के मुहूर्त पर पहुंचे अजय देवगन और आमिर खान, एकसाथ दिए रेड कार्पेट पर पोज
‘तेरा यार हूं मैं’ के मुहूर्त पर पहुंचे अजय देवगन और आमिर खान, देखें तस्वीरें
'बिना मांगे दहेज क्यों दिया?' ससुराल वालों के खिलाफ अदालत पहुंचा दामाद, जानिए क्या हुआ फैसला?
'बिना मांगे दहेज क्यों दिया?' ससुराल वालों के खिलाफ अदालत पहुंचा दामाद, जानिए क्या हुआ फैसला?
पाकिस्तान में हालात हुए खराब, एयर क्वालिटी इंडेक्स 2000 के पार, कई जगह लगाना पड़ा लाॅकडाउन
पाकिस्तान में हालात हुए खराब, एयर क्वालिटी इंडेक्स 2000 के पार, कई जगह लगाना पड़ा लाॅकडाउन
Myths Vs Facts: गर्भवती महिला को अक्सर सीने में रहती है जलन तो बच्चे का बाल होगा घना? जानें क्या है पूरा सच
गर्भवती महिला को अक्सर सीने में रहती है जलन तो बच्चे का बाल होगा घना, जानें क्या है पूरा सच
Neeraj Chopra New Coach: कौन है नीरज चोपड़ा का नया कोच? जिसके नाम है तीन वर्ल्ड चैंपियनशिप खिताब
कौन है नीरज चोपड़ा का नया कोच? जिसके नाम है तीन वर्ल्ड चैंपियनशिप खिताब
ट्रंप की वापसी से 'अमेरिका फर्स्ट' की नीति पर मुहर, भारत पर लेकिन नहीं पड़ेगा असर
ट्रंप की वापसी से 'अमेरिका फर्स्ट' की नीति पर मुहर, भारत पर लेकिन नहीं पड़ेगा असर
Embed widget