हाथरस पर हिंसा भड़काने के आरोप में गिरफ्तार पत्रकार सिद्दीक कप्पन की रिहाई की मांग, SC ने यूपी सरकार से मांगा जवाब
केरल के रहने वाले पत्रकार सिद्दीक कप्पन को हाथरस मामले पर दंगे की साज़िश के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.
नई दिल्ली: यूपी में हिंसा भड़काने की साज़िश के लिए गिरफ्तार सिद्दीक कप्पन की रिहाई की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है. केरल के रहने वाले पत्रकार सिद्दीक को हाथरस मामले पर दंगे की साज़िश और PFI से संबंध रखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. मामले की सुनवाई शुक्रवार 20 नवंबर को होगी.
केरल यूनियन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट ने याचिका दाखिल कर कहा है कि सिद्दीक एक पत्रकार है. एक वेबसाइट के लिए रिपोर्टिंग करने हाथरस जा रहा था. 5 अक्टूबर को यूपी पुलिस ने मथुरा में अवैध तरीके से उसे हिरासत में ले लिया.
इससे पहले 12 अक्टूबर को यह मामला सुप्रीम कोर्ट में लगा था. तब चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा था कि सिद्दीक को जमानत के लिए निचली अदालत या हाई कोर्ट जाना चाहिए. केरल यूनियन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट के वकील कपिल सिब्बल ने आज कोर्ट को बताया कि मथुरा की जेल में बंद पत्रकार से उसके वकीलों को भी नहीं मिलने दिया जा रहा है. इस वजह से उसकी तरफ से कोई याचिका दाखिल नहीं की जा पा रही है.
3 जजों की बेंच की अध्यक्षता कर रहे चीफ जस्टिस एस ए बोबड़े ने कहा, "यह बात भी हाई कोर्ट को बताई जा सकती थी. हम चाहते हैं कि अनुच्छेद 32 के तहत सीधे सुप्रीम कोर्ट आने की प्रवृत्ति पर अंकुश लगे." सिब्बल ने अनुरोध करते हुए कहा, "कोर्ट पहले भी मौलिक अधिकारों से जुड़े मसलों पर सीधे सुनवाई करता रहा है. अगर सिद्दीक से मिल पाना संभव होता तो हम उससे बात कर याचिका लगाते. कृपया इस विषय पर सुप्रीम कोर्ट उचित आदेश दे. एफआईआर में कोई नामजद आरोप नहीं है. लेकिन अब गंभीर धाराएं जोड़ दी गई हैं."
चीफ जस्टिस ने सिब्बल को रोकते हुए कहा, "आप केस के तथ्यों पर जिरह मत कीजिए. हम आपकी याचिका पर यूपी सरकार को नोटिस जारी कर रहे हैं. राज्य सरकार जवाब देखने के बाद शुक्रवार को आगे सुनवाई की जाएगी."
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