Supreme Court: समलैंगिक विवाह पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आज, वकील बोली-फैसला जो भी हो हमारा संघर्ष जारी रहेगा
Same Sex Marriage: सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की बेंच समलैंगिक विवाह पर मंगलवार (7 अक्टूबर 2023) को अपना फैसला सुनाएगी उन्होंने मई महीने में फैसला सुरक्षित रख लिया था.
Same Sex Marriage: समलैंगिक विवाह (सेम सेक्स मैरिज) को कानूनी दर्जा देने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट मंगलवार (17 अक्टूबर 2023) को फैसला देगा. सर्वोच्च अदालत ने इस साल मई महीने में कोर्ट की सुनवाई के बाद अपना फैसला सुरक्षित रखा था. इस मामले में याचिकाकर्ताओं का कहना था कि उनकी शादी को कानूनी मान्यता दी जाए. इस फैसले के आने से पहले सुप्रीम कोर्ट की वकील करुणा नंदी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है.
सुप्रीम कोर्ट की वकील करुणा नंदी ने कहा, 'मैं क्वीर, समलैंगिक, ट्रांसजेंडर, इंटरसेक्स लोगों को इस देश के नागरिकों के रूप में और इस धरती पर इंसान के तौर पर देखती हूं. हर व्यक्ति इस ग्रह पर कई अधिकारों के साथ आते हैं. हम देखेंगे कि क्या अदालत हमें उस व्यक्ति से शादी करने का अधिकार देती है या नहीं जिस व्यक्ति से हम प्यार करते हैं. हमने बहुत मेहनत की है. काफी समय से संघर्ष चल रहा है और कल चाहे कुछ भी हो हमारा संघर्ष जारी रहेगा.'
#WATCH | Delhi: Advocate Karuna Nundy speaks on Supreme Court to pronounce judgment in same-sex marriage case tomorrow.
— ANI (@ANI) October 16, 2023
"I see queer persons, lesbian, gay, transgender people, intersex people, asexual people, as citizens of this country, as human beings on this planet. We all… pic.twitter.com/NS4FAqtMAq
पांच जज मिलकर सुनाएंगे फैसला
मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने 10 दिनों की सुनवाई के बाद 11 मई को याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. पीठ के अन्य सदस्यों में न्यायमूर्ति संजय किशन कौल, न्यायमूर्ति एस रवींद्र भट, न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा शामिल हैं.
सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने शीर्ष अदालत के सामने प्रशासनिक पक्ष रखते हुए कहा था कि समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने का आग्रह करने वाली याचिकाओं पर उसके द्वारा की गई कोई भी संवैधानिक घोषणा कार्रवाई का सही तरीका नहीं हो सकती, क्योंकि अदालत इसके परिणामों का अनुमान लगाने, परिकल्पना करने, समझने और उनसे निपटने में सक्षम नहीं होगी.
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