SC Ordered reopening of Shambhu border: सुप्रीम कोर्ट ने शंभू बॉर्डर को आंशिक रूप से खोलने के लिए सोमवार, 12 अगस्त को अधिकारियों को आदेश दिया. इस बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसान 13 फरवरी 2024 से प्रदर्शन कर रहे हैं. अदालत ने पंजाब और हरियाणा दोनों के प्रमुखों को राजमार्ग को फिर से खोलने के लिए एक सप्ताह के भीतर आसपास के पटियाला और अंबाला जिलों के एसपी के साथ बैठक करने का निर्देश दिया है.


इस आदेश के बाद किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा है कि वे सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का इंतजार कर रहे थे. उन्होंने कहा, "शंभू बॉर्डर का खुलना सबके लिए अच्छी बात है. इससे आम लोगों को बहुत फायदा होगा. शंभू बॉर्डर खुलेगा तो हम भी दिल्ली जाएंगे."


किसान नेता ने कहा, "हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं. दिल्ली जाने को लेकर फैसला किसान संगठन बैठक करेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा के डीजीपी कमेटी गठित करने को कहा है. हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं."


हाईवे नहीं है पार्किंग की जगह: सुप्रीम कोर्ट


अदालत ने कहा कि पंजाब सरकार से कहा कि वह किसानों को सड़क से अपने ट्रैक्टर हटाने के लिए राजी करे. इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि नेशनल हाईवे पार्किंग की जगह नहीं है. सर्वोच्च न्यायालय पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के उस आदेश को हरियाणा सरकार द्वारा दी गई चुनौती पर सुनवाई कर रहा था जिसमें उसे एक सप्ताह के भीतर शंभू सीमा पर लगाए गए बैरिकेड्स हटाने को कहा गया था. 


न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने कहा कि शंभू सीमा पर सड़क को आंशिक रूप से खोलना एंबुलेंस, आवश्यक सेवाओं, वरिष्ठ नागरिकों, महिलाओं, छात्राओं और स्थानीय यात्रियों की आवाजाही के लिए आवश्यक है. पीठ ने दोनों राज्यों की सरकारों की समिति गठित करने के लिए गैर-राजनीतिक लोगों को समिति में शामिल करने के लिए भी सराहना की. ये समिति प्रदर्शनकारी किसानों के साथ बैठक करेगी.


सुप्रीम कोर्ट ने कहा, "हम शंभू सीमा पर प्रदर्शनकारी किसानों से बातचीत के लिए गठित किए जाने वाले पैनल की शर्तों पर एक संक्षिप्त आदेश पारित करेंगे."


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