Supreme Court On Air Pollution: दिल्ली में प्रदूषण के लगातार बढ़ते स्तर के बावजूद उस पर नियंत्रण से जुड़े ग्रैप (GRAP) के प्रावधानों को लागू करने में CAQM और दिल्ली सरकार के धीमे रवैये पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताई है. कोर्ट ने दिल्ली और एनसीआर के दूसरे राज्यों से 3 दिन में हलफनामा दाखिल कर बताने को कहा है कि उन्होंने इस मामले अब तक क्या कार्रवाई की है. कोर्ट ने यह भी कहा है कि एनसीआर के सभी राज्य 12वीं तक की कक्षाओं को ऑनलाइन मोड में चलाने पर जल्द फैसला ले. केंद्र और राज्य सरकार दफ्तरों में 50% कर्मचारियों के साथ काम करने पर भी विचार करें.
दिल्ली में 14 नवंबर से ग्रैप 3 लागू किया गया था. 18 नवंबर से ग्रैप 4 लागू कर दिया गया, लेकिन सुप्रीम कोर्ट इससे संतुष्ट नजर नहीं आया. कोर्ट ने कहा कि जब प्रदूषण का स्तर (AQI) 11 नवंबर को 300 से पार हो गया था तो फिर ग्रैप 3 लागू करने में 3 दिन की देरी क्यों की गई? इस तरह ग्रैप 4 को भी लागू करने में देरी की गई है. कोर्ट ने सुनवाई के दौरान यह भी कहा कि वह यह आदेश देगा कि उसकी मंजूरी लिए बिना ग्रैप 4 को न हटाया जाए.
सुप्रीम कोर्ट ने जारी किए निर्देश
जस्टिस अभय एस ओका और ऑगस्टिन जॉर्ज मसीह की बेंच ने कहा कि मौसम में बदलाव आने की उम्मीद में CAQM ने ग्रैप के प्रावधान अमल में लाने में समय बर्बाद किया. यह रवैया गलत है. कोर्ट ने पूछा कि दिल्ली में प्रतिबंधित गाड़ियों का प्रवेश रोकने और निर्माण कार्यों को बंद करने को लेकर उठाए गए कदमों की जानकारी 21 नवंबर तक राज्य सरकार दे. एनसीआर के दूसरे राज्य भी विशेष टीमें बना कर अपने यहां गैप 4 लागू करें. यह राज्य भी गुरुवार तक हलफनामा दें. शुक्रवार, 22 नवंबर को अगली सुनवाई होगी.
कोर्ट ने यह निर्देश दिए हैं :-
1. एनसीआर के सभी शहरों में GRAP 4 लागू हो.
2. GRAP 4 के प्रावधान सख्ती से लागू हो.
3. 12वीं तक सभी कक्षाओं को बंद करने पर जल्द फैसला हो.
4. केंद्र सरकार भी हाईवे, पुल जैसे निर्माण रोकने पर विचार करें.
5. सरकारी और निजी दफ्तरों में 50% कर्मचारियों के साथ काम करने पर विचार हो.
6. स्थिर सैटेलाइट से पराली जलाने की घटनाओं की निगरानी हो.