नई दिल्ली: केरल लव जिहाद केस के नाम से चर्चित हादिया मामले में सोमवार को एक नया मोड़ आया. कथित रूप से लव जिहाद की शिकार अखिला उर्फ़ हादिया को सुप्रीम कोर्ट ने वापस सेलम के होम्योपैथी कॉलेज भेज दिया है.  बता दें कि अब तक हादिय़ा केरल के वाइकोम में अपने पिता के पास रह रही थीं.


चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच ने सोमवार को हादिया से बात की उसने अपने धर्म यानी इस्लाम का पालन करने की बात कही. उसने पति शफीन जहां के साथ जाने की भी इच्छा जताई. हालांकि, ये बातचीत शुरू होने से पहले उसके पिता और एनआईए के वकील ने ये बार-बार कहा कि उसके दिमाग पर कट्टर ताकतों ने गहरा असर किया है. उसकी बात को स्वतंत्र इच्छा नहीं माना जा सकता.


जजों ने हादिया से उसकी पढ़ाई का ब्यौरा लिया. पूछा कि क्या वो होम्योपैथी की अपनी अधूरी इंटर्नशिप को पूरा करना चाहती है. हादिया ने इस पर सहमति जताई. दो घंटे से सुनवाई के बाद कोर्ट ने कहा, "हम अभी मामले से जुड़े सभी सवालों को खुला रखेंगे पर लड़की से बात करने के बाद हम चाहते हैं कि वो अपनी पढ़ाई पूरी करे." इसके बाद कोर्ट ने हादिया को तमिलनाडू के सेलम में उसके होम्योपैथी कॉलेज भेजने का आदेश दिया.


कोर्ट ने कहा कि कॉलेज उसके दाखिले की प्रक्रिया पूरी करे. उसे दूसरे छात्रों की तरह कमरा दिया जाए. बाकी छात्रों पर लगने वाले सारे नियम उस पर लागू होंगे. उसके वहां रहने के दौरान किसी तरह की दिक्कत होने पर कॉलेज के डीन कोर्ट को जानकारी देंगे.


इस तरह कोर्ट ने कई महीनों से पिता के नियंत्रण में रह रही हादिया को स्वतंत्र कर दिया. अब वो 11 महीने की इंटर्नशिप कर सकेगी. हालांकि, उसकी शादी की वैधता, पति के साथ रहने की इच्छा और उस पर कट्टरपंथ के असर जैसे तमाम पहलुओं को अभी खुला छोड़ा गया है. इन पर जनवरी के तीसरे हफ्ते में सुनवाई होगी.


पिता और एनआईए का कड़ा विरोध


हादिया के पिता अशोकन के वकील श्याम दीवान ने अदालत से कहा कि हादिया से जजों को बंद कमरे में बात करनी चाहिए. खुली अदालत में बातचीत से जज उसकी दिमागी स्थिति को सही ढंग से नहीं समझ पाएंगे. वो अदालत में कुछ ऐसी बातें भी कह सकती है जो सांप्रदायिक हो.


राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी एनआईए के वकील मनिंदर सिंह ने कहा कि केरल में ऐसे मामलों का पूरा तंत्र मिला है. जिन 10 मामलों की अब तक जांच हुई है, उनमें से सात में धर्म परिवर्तन के पीछे पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया नाम का संदिग्ध संगठन है. हादिया का धर्म परिवर्तन करवाने वाली महिला साइनाबा और शफीन जहां का आचरण बहुत संदिग्ध रहा है. उन्होंने आगे कहा, "जांच में ये भी पाया गया कि हर मामले में लड़कियों का ब्रेन वाश किया गया. वो पूरी तरह से कट्टरपंथियों की भाषा बोलती हैं. शफीन से जिस शादी का दावा किया जा रहा है, वो महज़ धोखा है. उसका मकसद कोर्ट को गुमराह करना है."


शफीन के वकीलों की दलील


शफीन जहां के वकील कपिल सिब्बल और इंदिरा जयसिंह ने एनआईए पर मामले को सांप्रदायिक रंग देने का आरोप लगाया. सिब्बल ने कहा, "जब आपके कहने पर लड़की यहां तक आई है. पिछले डेढ़ घंटे से कोर्ट में खड़ी है तो आपको उससे बात करनी चाहिए."


कोर्ट ने हादिया को सुना


पहले मामला अगली सुनवाई के लिए टालने की बात कर रहे जजों ने आखिरकार हादिया को सुना. लगभग 15 मिनट तक चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस ए एम खानविलकर और जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने हादिया से सवाल किए. अंग्रेज़ी में पूछे गए सवालों का उसने मलयालम में जवाब दिया. केरल सरकार के वकील उसका अनुवाद कर जजों को बताते रहे.