नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को आम्रपाली समूह की नोएडा और ग्रेटर नोएडा में स्थित नौ संपत्तियां सील करने का निर्देश दिया. इन संपत्तियों में समूह की 46 कंपनियों से संबंधित दस्तावेज रखे हैं. जस्टिस उदय यू ललित और जस्टिस धनन्जय वाई चन्द्रचूड़ की पीठ ने आम्रपाली समूह की बिहार के राजगीर और बक्सर में भी दो संपत्तियां सील करने का आदेश देते हुये कहा कि इन्हें सील करने के बाद इनकी चाबियां शीर्ष अदालत के रजिस्ट्रार को सौंप दी जायें.


कोर्ट ने समूह के तीन निदेशकों को, जो इस समय पुलिस हिरासत में हैं, एक लिखित आश्वासन दाखिल करने का निर्देश भी दिया है कि इन नौ संपत्तियों के अलावा कहीं और कोई दस्तावेज नहीं रखे हैं. पीठ ने यह भी कहा है कि कोर्ट द्वारा नियुक्त फारेंसिक आडिटर और उनके अधिकृत प्रतिनिधि ही सील किये जाने वाले इन परिसरों में प्रवेश कर सकते हैं.


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कोर्ट ने कहा कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा में सात संपत्तियां सील होने तक इन निदेशकों को हवालात में नहीं बल्कि थाने में रखा जायेगा. शीर्ष अदालत ने कल समूह के तीन निदेशकों- अनिल कुमार शर्मा, शिव प्रिय और अजय कुमार को पुलिस हिरासत में देते हुये कहा था कि आम्रपाली समूह कोर्ट के साथ लुका छिपी खेल रहा है और सारे दस्तावेज फारेंसिक आडिटर को सौंपने के उसके आदेशों का पालन नहीं कर रहा है.


कोर्ट आम्रपाली समूह में फ्लैट बुक कराने वाले खरीदारों को मकानों का कब्जा दिलाने के लिये दायर याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा था.


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