नई दिल्ली: दिल्ली-एनसीआर में एक बार फिर से प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है. इसी को देखते हुए प्रदूषण को लेकर गठित सुप्रीम कोर्ट के पैनल ईपीसीए ने दिल्ली-एनसीआर में 15 नवंबर तक स्कूल बंद रखने का आदेश दिया है.
साथ ही पर्यावरण प्रदूषण (रोकथाम और नियंत्रण) प्राधिकरण (ईपीसीए) ने दिल्ली-एनसीआर में 'हॉट-मिक्स प्लांट्स' और 'स्टोन-क्रशर' पर लगे प्रतिबंध को भी 15 नवंबर तक बढ़ा दिया. शीर्ष अदालत ने चार नवंबर को अगले आदेश तक क्षेत्र में निर्माण और विध्वंस गतिविधियों पर रोक लगा दी थी.
बता दें कि इस महीने की शुरुआत में, दिल्ली सरकार ने बढ़ते प्रदूषण के स्तर के मद्देनजर दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित करने के बाद सभी स्कूलों को चार दिनों के लिए बंद कर दिया था. वायु गुणवत्ता में सुधार के बाद 5 नवंबर को स्कूल फिर से खुले थे.
हालांकि एक बार फिर से दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में जहरीली हवा की धुंध छाने लगी है. पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु गुणवत्ता निगरानी प्रणाली सफर के मुताबिक, आज रात के करीब आठ बजे ओवरऑल वायु गुणवत्ता (Air Quality) सूचकांक 472 था.
दिल्ली के चांदनी चौक के पास हवा में घुले खतरनाक सूक्ष्म कण पीएम 2.5 और पीएम 10 की मात्रा काफी बढ़ी हुई है. यहां पीएम 2.5 का स्तर 532 और पीएम 10 का स्तर 751 है. नोएडा में भी स्थिति भयावह है. यहां पीएम 2.5 का स्तर 514 और पीएम 10 का स्तर 486 है. गुरुग्राम की बात करें तो यहां पीएम 2.5 का स्तर 554 और पीएम 10 का स्तर 443 है.
वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 201-300 के बीच ‘खराब’, 301-400 के बीच ‘अत्यंत खराब’, 401-500 के बीच ‘गंभीर’ और 500 के पार ‘बेहद गंभीर’ माना जाता है. दिवाली के बाद दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में एक्यूआई करीब 1000 के करीब पहुंच गया था.
प्रदूषण की प्रमुख वजह
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के सदस्य सचिव प्रशांत गर्गवा ने आज ही कहा कि इस साल दिल्ली की जहरीली हवा में पराली की बड़ी भूमिका रही और इसका योगदान 44 प्रतिशत पर पहुंच गया. पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु गुणवत्ता निगरानी प्रणाली सफर के मुताबिक पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने के कारण उठने वाले धुएं का योगदान इस साल एक नवंबर को दिल्ली में सर्वोच्च 44 प्रतिशत रहा.
फिर लागू हो सकता है ऑड-ईवन
राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण के ‘आपात’ स्तर के करीब पहुंचने के बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को कहा कि आवश्यता पड़ने पर सम-विषम (ऑड-ईवन) योजना 15 नवंबर से आगे बढ़ायी जा सकती है. उन्होंने कहा, ‘‘प्रदूषण बहुत ज्यादा बढ़ गया है. सारी दिल्ली सम-विषम योजना की मांग कर रही है और ऐसे समय में विपक्ष को लोगों की इच्छा का समर्थन करना चाहिए.’’ सम-विषम योजना चार नवंबर को शुरू हुई थी और 15 नवंबर को इसके समाप्त होने का कार्यक्रम है.
प्रदूषण से शुक्रवार से राहत मिलने की उम्मीद
पराली जलाने की घटनाओं में कमी और नए सिरे से पश्चिमी विक्षोभ के चलते हवाओं की गति बढ़ने से दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति में सुधार की संभावना है. पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के वायु गुणवत्ता निगरानीकर्ता सफर ने बुधवार को यह जानकारी दी.
सफर ने जानकारी दी है कि मंगलवार को दिल्ली के पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने की केवल 480 घटनाएं दर्ज की गयीं और दिल्ली के प्रदूषण में पराली की हिस्सेदारी गुरूवार को कम होकर 13 फीसदी तक गिरने की संभावना है.
सफर ने बताया,‘‘ अफगानिस्तान और पड़ोसी इलाकों के ऊपर चक्रवाती तूफान के कारण नए सिरे से पश्चिमी विक्षोभ बन रहा है. अगले दो दिन में इसका असर उत्तर पश्चिमी भारत पर पड़ेगा और इससे शुक्रवार तक हवा की रफ्तार बढ़ेगी.’’