Supreme Court Petition: समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल हुई है. चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच आज इस मामले को सुनेगी. सुनवाई में जस्टिस हेमा कोहली भी शामिल रहेंगी. हैदराबाद के रहने वाले एक गे कपल ने यह याचिका दायर की है. याचिका में कहा गया है कि समलैंगिक विवाह को भी स्पेशल मैरिज एक्ट (Special Marriage Act) के तहत लाया जाना चाहिए. कानून जेंडर के आधार पर भेदभाव नहीं कर सकता.


याचिका दायर करने वाले सुप्रियो चक्रवर्ती और अभय डांग की प्रमुख याचिका में कहा गया है कि अपनी पसंद के व्यक्ति से शादी करने का अधिकार एलजीबीटीक्यू+ नागरिकों को भी मिलना चाहिए. सुप्रियो और अभय करीब 10 साल से रिलेशनशिप में हैं. उन्होंने कुछ समय पहले ही अपने रिश्ते का जश्न मनाने के लिए अपनी 9वीं सालगिरह पर कमिटमेंट सेलिब्रेशन आयोजित करने का फैसला किया. उनका दिसंबर 2021 में एक कमिटमेंट समारोह था, जिसमें उनके माता-पिता, परिवार और दोस्त भी शामिल हुए. 


'समलैंगिक विवाह में मिलने चाहिए अधिकार'


उनकी याचिका में कहा गया है कि एक दूसरे को कमिटमेंट देने के बाद भी वह विवाहित जोड़े के अधिकारों का आनंद नहीं ले सकते हैं. याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया है कि भारत के सुप्रीम कोर्ट ने हमेशा अपनी पसंद के व्यक्ति से शादी करने के लिए अंतर-जातीय और अंतर-धार्मिक जोड़ों के अधिकार की रक्षा की है. याचिका में दलील दी गई है कि समलैंगिक विवाह को भी सभी अधिकार मिलने चाहिए. 


याचिकाओं ने नवतेज सिंह जौहर मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर भरोसा किया है, जिसमें समलैंगिकता को अपराध ठहराने वाली धारा 377 को असंवैधानिक करार दिया गया था. यह भी तर्क दिया गया है कि पुट्टास्वामी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि LGBTQ+ लोगों को समानता, गरिमा और निजता का अधिकार है. 


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