यूपी के 5 शहरों में नहीं लगेगा लॉकडाउन, SC ने इलाहाबाद HC के आदेश पर रोक लगाई
सोमवार को आए हाई कोर्ट के इस आदेश को यूपी सरकार ने मंगलवार को ही सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे दी. राज्य सरकार की तरफ से सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली बेंच में पेश हुए और मामले पर तुरंत सुनवाई का अनुरोध किया.
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नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के 5 शहरों में फिलहाल लॉकडाउन नहीं लगेगा. सुप्रीम कोर्ट ने इस बारे में इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी है. हाई कोर्ट ने राज्य में कोरोना के बिगड़ते हालात के मद्देनजर प्रयागराज, लखनऊ, वाराणसी, कानपुर नगर और गोरखपुर में 26 अप्रैल तक लॉकडाउन का आदेश दिया था.
सोमवार को आए हाई कोर्ट के इस आदेश को यूपी सरकार ने मंगलवार को ही सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे दी. राज्य सरकार की तरफ से सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली बेंच में पेश हुए और मामले पर तुरंत सुनवाई का अनुरोध किया. उन्होंने कहा कि हाई कोर्ट का आदेश अव्यवहारिक है. लॉकडाउन जैसा कड़ा कदम उठाने से पहले सरकार को बहुत से पहलुओं पर विचार करना होता है. यह अचानक कोर्ट के आदेश पर नहीं किया जा सकता. चीफ जस्टिस ने मामले पर सुनवाई के अनुरोध को स्वीकार करते हुए इसे सामान्य कामकाज निपटने के बाद लगाने का निर्देश दिया.
दोपहर करीब 12.30 बजे मामला चीफ जस्टिस एस ए बोबड़े, जस्टिस ए एस बोपन्ना और वी रामासुब्रमण्यम की बेंच में लगा. सॉलिसीटर जनरल ने बेंच से कहा, “हाई कोर्ट के आदेश के पीछे भावना सराहनीय है. लेकिन आदेश व्यवहारिक नहीं है. यह इस धारणा पर आधारित है कि लॉकडाउन ही कोविड का इकलौता समाधान है. लेकिन ऐसा नहीं है. सरकार अपनी तरफ से सभी जरूरी कदम उठा रही है."
मेहता ने आगे कहा, “लॉकडाउन बहुत कड़ा कदम है. इससे नागरिकों के जीवन पर सीधा असर पड़ता है. सरकार इसे लगाने का फैसला बहुत सोच-विचार कर लेती है. इसे बिना प्रशासनिक तैयारी के लागू नहीं किया जा सकता. अगर 5 शहरों में यूं ही अचानक लॉकडाउन लगा दिया गया, तो लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा. बेहतर हो कि सरकार को उसका काम करने दिया जाए.“
मेहता ने अपनी दलीलें रखने के बाद सुप्रीम कोर्ट से हाई कोर्ट के आदेश पर रोक की मांग की. जजों ने इससे सहमति जताते हुए हाई कोर्ट के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी. उन्होंने यूपी सरकार से कहा कि वह 1 हफ्ते में इलाहाबाद हाई कोर्ट को कोविड से निपटने के लिए उठाए जा रहे कदमों की जानकारी दे. सुप्रीम कोर्ट 2 हफ्ते बाद मामले पर आगे सुनवाई करेगा.
सुनवाई के अंत में सॉलिसीटर जनरल ने जजों को बताया कि हाई कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए सुनवाई शुरू की थी, इसलिए मामले में कोई प्रतिवादी नहीं है जो जवाब दाखिल कर सके. इस पर जजों ने वरिष्ठ वकील पी एस नरसिम्हा को एमिकस क्यूरी नियुक्त कर दिया. नरसिम्हा स्थिति की जानकारी जुटा कर कोर्ट की सहायता करेंगे और ज़रूरी सुझाव देंगे.
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