नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने पैन कार्ड बनवाने के लिए आधार को अनिवार्य बनाने के मुद्दे पर केंद्र से सवाल पूछा है. अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने केंद्र का पक्ष रखते हुए जस्टिस ए के सीकरी की अध्यक्षता वाली बेंच से कहा कि यह पाया गया है कि लोग ऐसे पैन कार्ड्स की जानकारी दे रहे थे, जिन्हें फर्जी दस्तावेजों के जरिए बनवाया गया है.


रोहतगी ने कहा कि ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जिनमें एक व्यक्ति के पास कई पैन कार्ड थे और इन फर्जी कार्ड्स का इस्तेमाल फर्जी कंपनियों को मनी ट्रांस्फर करने के लिए किया जा रहा था. इस पर बेंच ने अटॉर्नी जनरल से कहा, ‘‘क्या इसका उपाय यह है कि आपके पास पैन बनवाने के लिए आधार होना चाहिए? इसे अनिवार्य क्यों बनाया गया?’’ इसके जवाब में रोहतगी ने कहा कि पहले भी पाया गया था कि लोग फर्जी पहचान पत्रों के आधार पर मोबाइल फोन के लिए सिम कार्ड खरीद रहे थे. तब सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से इसपर लगाम कसने को कहा था.


बेंच ने कहा कि वह पैन कार्ड के लिए आधार को अनिवार्य बनाने के सरकार के कदम को चुनौती देने वाली याचिका पर दलीलों की सुनवाई 25 अप्रैल को करेगी. साल 2017-18 के बजट के वित्त विधेयक में कर प्रावधानों में संशोधन के जरिए सरकार ने आयकर रिटर्न दाखिल करने के लिए आधार को अनिवार्य बना दिया है. इसके साथ ही कई पैन कार्ड्स का इस्तेमाल करके की जाने वाली टैक्स चोरी पर रोक लगाने के लिए पैन को आधार से जोड़ने का प्रावधान किया गया है.