नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 खत्म किए जाने फैसले की कानूनी वैधता से जुड़ी चुनौतियों पर सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की बेंच कल यानी मंगलवार से सुनवाई करेगी. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने केंद्र सरकार के फैसले चुनौती देने वाली अलग अलग याचिकाओं पर सुनवाई के लिए शनिवार को एक संविधान पीठ गठित की थी. चीफ जस्टिस की बनाई इस पीठ में जस्टिस एन वी रमण, जस्टिस एस के कौल, जस्टिस आर सुभाष रेड्डी, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस सूर्य कांत शामिल हैं.
सीजेआई की अध्यक्षता वाली बेंच ने आज जम्मू कश्मीर मामले में दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कहा कि इस तरह के सभी मामलों पर जस्टिस रमण की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ अब निर्णय करेगी. आज सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि उसने घाटी में नाबालिगों की अवैध हिरासत के बारे में जम्मू कश्मीर हाई कोर्ट की किशोर न्याय समिति से एक रिपोर्ट प्राप्त की है. पीठ के सदस्यों में जस्टिस एस ए बोबडे और जस्टिस एस ए नजीर भी शामिल हैं.
पीठ ने बाल अधिकार कार्यकर्ताओं का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील से कहा, ‘‘रिपोर्ट आ गई है. हम इस विषय को कश्मीर पीठ (न्यायमूर्ति रमण की अध्यक्षता में तीन न्यायाधीशों की पीठ) को भेजेंगे. ’’ कोर्ट ने एक डॉक्टर की ओर से दायर एक अलग याचिका भी तीन न्यायाधीशों की पीठ को भेज दी. डॉक्टर ने जम्मू कश्मीर में पाबंदियों के चलते कश्मीर में मेडिकल सुविधाओं की कमी होने का दावा किया है.