Supreme Court News: इलेक्शन कमिश्नर्स की नियुक्ति वाले कानून पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार
Supreme Court News: लोकसभा चुनाव तक मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति वाले नए कानून पर रोक लगाने की मांग सुप्रीम कोर्ट में की गई थी. कोर्ट ने ऐसा करने से इनकार कर दिया है.
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Supreme Court Hearing: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (13 फरवरीं) को मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) और अन्य चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति वाले नए कानून पर रोक लगाने से इनकार कर दिया. इस कानून के खिलाफ कोर्ट में पक्ष रख रहे वरिष्ठ वकील प्रसाद भूषण ने कहा कि लोकसभा चुनाव करीब है, इसलिए फिलहाल इस पर अंतरिम रोक लगाई जानी चाहिए, लेकिन कोर्ट ने उनके आवेदन को दरकिनार कर दिया. नए कानून में चीफ इलेक्शन कमिश्नर और अन्य चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति वाले पैनल से भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) को बाहर रखा गया है. इसे लेकर चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति प्रक्रिया पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं.
'हम अपनी सीमा जानते हैं'
जस्टिस संजीव खन्ना की खंडपीठ में मामले की सुनवाई के दौरान प्रशांत भूषण ने इस बात पर जोर दिया कि लोकसभा चुनाव करीब है और यह कानून निष्पक्ष चुनाव की राह में बाधा बन सकता है. इस पर जस्टिस ने हस्तक्षेप करने से इनकार करते हुए कहा कि हम अपनी सीमा जानते हैं. जब संसद द्वारा किसी कानून को बनाया जाता है तो उस पर अंतरिम रोक लगाने का क्या मतलब होता है, यह हमें पता है. इसलिए फिलहाल हम कोई रोक नहीं लगाएंगे.
#SupremeCourt issues notice in PIL challenging constitutional validity of Chief Election Commissioner and Other Election Commissioners Act, 2023
— Live Law (@LiveLawIndia) February 13, 2024
As per the PIL, the Act allows Executive to dominate the matter of appointment of #ElectionCommission members, threatening democracy pic.twitter.com/Ae4rcNo3Og
कानून के किस हिस्से पर है आपत्ति?
नए कानून के मुताबिक मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा एक चयन समिति की सिफारिश पर की जाएगी. प्रधानमंत्री इस समिति के अध्यक्ष होंगे. इसके अन्य सदस्यों में लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष और प्रधानमंत्री द्वारा नामित एक केंद्रीय कैबिनेट मंत्री शामिल होंगे.
प्रशांत भूषण का तर्क है कि चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति वाले पैनल से सीजेआई को हटाकर सुप्रीम कोर्ट की अनदेखी की गई है. मार्च 2023 के अपने आदेश में, सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि प्रधानमंत्री, लोकसभा में विपक्ष के नेता और सीजेआई का पैनल सीईसी और ईसी का चुनाव करेंगे. हालांकि, केंद्र सरकार ने हाल ही में संसद में एक बिल लाकर इस कानून में संशोधन कर दिया, जिसमें सीजेआई को पैनल से बाहर रखा गया है. भूषण का कहना है कि कम से कम लोकसभा चुनाव तक इस पर अंतरिम रोक लगाई जानी चाहिए.
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