पीएम केयर्स फंड के पैसे राष्ट्रीय आपदा राहत कोष में ट्रांसफर नहीं होंगे, SC ने मांग ठुकराई
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली बेंच ने आज दिए फैसले में सरकार की दलील को स्वीकार किया है. कोर्ट ने यह माना है कि NDRF और पीएम केयर्स फंड अलग हैं और पीएम केयर्स फंड में लोग स्वेच्छा से अनुदान देते हैं.
नई दिल्लीः पीएम केयर्स फंड में जमा पैसों को राष्ट्रीय आपदा राहत कोष (NDRF) में ट्रांसफर करने का आदेश देने से सुप्रीम कोर्ट ने मना कर दिया है. कोर्ट ने कहा है कि यह दोनों फंड एक दूसरे से बिल्कुल अलग हैं. एनजीओ सेंटर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन (CPIL) ने NDRF के रहते पीएम केयर्स फंड बनाए जाने को गलत बताया था. याचिका में पीएम फंड में पारदर्शिता के अभाव में भी दलील दी गई थी.
इस बात पर दायर थी याचिका याचिका में कहा गया था कि नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट (NDMA) की धारा 46 के तहत NDRF नाम का फंड बनाया गया है. राष्ट्रीय आपदा के मौके पर इसी फंड से लोगों को मदद पहुंचाई जाती है. लेकिन हाल ही में पीएम केयर्स नाम से अलग फंड बना दिया गया है. इसमें प्रधानमंत्री को अध्यक्ष दिखाया गया है. रक्षा मंत्री, वित्त मंत्री और गृह मंत्री को भी ट्रस्टी दिखाया गया है. इस लिहाज से यह सरकारी ट्रस्ट है. लेकिन इसे सूचना अधिकार कानून (RTI) के दायरे से बाहर रखा गया है.
पीएम केयर्स फंड के खर्च पर कोई पारदर्शिता नहीं- सीपीआईएल CPIL ने यह दलील भी दी थी कि पीएम फंड में दान देने वाली कंपनियों को कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (CSR) के तहत टैक्स से छूट भी दी गई है. इसके चलते फंड में करोड़ों रुपए जमा हो रहे हैं. पर उसे किस तरह से खर्च किया जा रहा है, उस पर कोई पारदर्शिता नहीं है. इसलिए, इस फंड मैं जमा पैसों को संसद से पारित कानून के तहत बने NDRF में ट्रांसफर कर देना चाहिए.
पीएम केयर्स फंड एनडीआरएफ से बिलकुल अलग-केंद्र सरकार इसका जवाब देते हुए केंद्र सरकार ने कहा था की पीएम केयर्स फंड एक पब्लिक चैरिटेबल ट्रस्ट है. इसमें लोग स्वेच्छा से दान देते हैं. यह NDRF से बिल्कुल अलग है. NDRF एक वैधानिक फंड है. इसमें मुख्य योगदान केंद्र और राज्य सरकारों की तरफ से जमा करवाया जाता है. इसलिए, यह RTI समेत तमाम नियमों से बंधा है. लोगों के स्वैच्छिक अनुदान वाला पीएम केयर्स फंड आपातकाल में जरूरत के मुताबिक विशेष मदद पहुंचाने की मंशा से बनाया गया है.
सरकार की दलील को स्वीकार किया गया सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली बेंच ने आज दिए फैसले में सरकार की इस दलील को स्वीकार किया है. कोर्ट ने यह माना है कि NDRF और पीएम केयर्स फंड अलग हैं. पीएम केयर्स फंड में लोग स्वेच्छा से अनुदान देते हैं. हालांकि, कोर्ट ने यह कहा है कि अगर लोग NDRF में स्वेच्छा से योगदान देना चाहें, तो वह ऐसा कर सकते हैं. लेकिन कोर्ट ने यह साफ कर दिया है कि पीएम केयर्स फंड के पैसों को NDRF में ट्रांसफर कर देने की मांग कानूनन सही नहीं है.
राहत के लिए नई योजना की मांग भी खारिज वकील प्रशांत भूषण के जरिए दाखिल की गई इस याचिका में देश में कोरोना के मद्देनजर लोगों को न्यूनतम राहत पहुंचाने के लिए राष्ट्रीय योजना बनाने की मांग भी की गई थी. इसके जवाब में केंद्र सरकार ने यह बताया था कि NDMA के तहत राष्ट्रीय आपदा के समय राहत पर नवंबर 2019 में ही योजना तैयार कर ली गई थी. इसी के तहत लोगों को अभी मद पहुंचाई जा रही है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इस योजना के रहते दोबारा नई योजना बनाने की कोई जरूरत नहीं है.