TRS-BJP Poaching Case: तेलंगाना में कथित तौर पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) के एजेंट के रूप में काम कर तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) के विधायकों को प्रभावित करने के आरोपियों को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से अंतरिम राहत नहीं मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई को 7 नवंबर तक के लिए टाल दिया है. निचली अदालत ने रामचंद्र भारती, सिम्हायाजी और नंद कुमार की गिरफ्तारी पर रोक लगाई थी, लेकिन हाई कोर्ट ने सरेंडर के लिए कहा था. तीनों ने आरोप को गलत बताते हुए सुप्रीम कोर्ट से रिहाई की मांग की है.


तेलंगाना पुलिस ने 27 अक्टूबर को तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) के 4 विधायकों को खरीदने की कोशिश का खुलासा किया था. साइबराबाद पुलिस ने दावा किया था कि एक फार्महाउस की तलाशी के दौरान 3 लोगों को अरेस्ट किया गया. ये तीनों केसीआर की पार्टी टीआरएस के विधायकों को खरीदने आए थे. पुलिस ने इनके पास नकदी और चेक बरामद करने का दावा किया था. 


टीआरएस ने बीजेपी को इसके लिए दोषी ठहराते हुए कहा कि हमारे विधायक बिकने वाले नहीं हैं. टीआरएस के जिन चार विधायकों को खरीदने की बात कही जा रही है उनमें गुववाला बलाराजू, बीरम हर्षवर्धन, पायलट रोहित रेड्डी, रेगा कंथाराव शामिल हैं.


सीएम केसीआर ने पेश किए वीडियो


वहीं, इस मामले को लेकर तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर ने एक वीडियो जारी कर बीजेपी पर उनकी पार्टी के विधायकों को खरीदने का आरोप लगाया. केसीआर ने प्रेस क्रॉन्फ्रेंस कर मामले से जुड़े वीडियो पेश किए. उन्होंने दावा किया कि उनके पास टीआरएस के चार विधायकों को रिश्वत देने की कोशिश करते बीजेपी एजेंट का 1 घंटे से ज्यादा का वीडियो है. 


केसीआर ने कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट के जजों और विपक्षी नेताओं को यह वीडियो भेजेंगे. यही नहीं, सीएम केसीआरी ने बीजेपी पर हमला करते हुए कहा कि वो तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, दिल्ली और राजस्थान में सरकार को गिराने की कोशिश कर रही है. 


बीजेपी ने आरोपों को किया खारिज


वहीं, बीजेपी ने केसीआर के सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है. बीजेपी ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि केसीआर ने खुद इस कहानी को लिखा है. इसमें बीजेपी का कोई हाथ नहीं है. बीजेपी पहले ही इस मामले की सीबीआई जांच की मांग कर चुकी है. 


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