एक्सप्लोरर
सिख विरोधी दंगा मामला: सुप्रीम कोर्ट ने सज्जन कुमार को अंतरिम जमानत देने से किया इंकार
सुप्रीम कोर्ट ने 1984 के सिख विरोधी दंगों से संबंधित एक मामले में सजा काट रहे सज्जन कुमार को जमानत देने से कोर्ट ने इंकार कर दिया.
![सिख विरोधी दंगा मामला: सुप्रीम कोर्ट ने सज्जन कुमार को अंतरिम जमानत देने से किया इंकार Supreme Court refuses to grant bail to former Congress leader Sajjan Kumar सिख विरोधी दंगा मामला: सुप्रीम कोर्ट ने सज्जन कुमार को अंतरिम जमानत देने से किया इंकार](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2020/05/13213040/sajjankumart.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने 1984 के सिख विरोधी दंगों से संबंधित एक मामले में उम्र कैद की सजा काट रहे कांग्रेस के पूर्व नेता सज्जन कुमार को स्वास्थ्य कारणों से अंतरिम जमानत देने से इंकार कर दिया है.
प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति इन्दु मल्होत्रा और न्यायमूर्ति ऋषिकेश राय की पीठ ने वीडियो कांफ्रेन्सिंग के माध्यम से सुनवाई के दौरान सज्जन कुमार की मेडिकल रिपोर्ट का अवलोकन किया. उन्होंने कहा कि उन्हें फिलहाल अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं है.
सज्जन कुमार को अंतरिम जमानत देने से इंकार करते हुये पीठ ने कहा कि कांग्रेस के पूर्व नेता के नियमित जमानत के लिये दायर आवेदन पर जुलाई में विचार किया जायेगा. इसी मामले में उम्र कैद की सजा काट रहे एक अन्य दोषी बलवान खोखर ने भी पेरोल पर रिहा करने का अनुरोध किया है.
सीबीआई की ओर से सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता और कुछ दंगा पीडितों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे ने जमानत की अर्जी का विरोध किया. वहीं सज्जन कुमार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने कहा कि उनके मुवक्किल को जमानत दी जानी चाहिए. अगर जेल में सज्जन कुमार को कुछ हो गया तो उम्र कैद की सजा उनके लिये मृत्यु दंड हो जायेगी.
दिल्ली उच्च न्यायालय ने 17 दिसंबर 2018 को निचली अदालत का 2013 का फैसला पलटते हुये सज्जन कुमार को उम्र कैद की सजा सुनायी थी. वहीं एक अन्य दोषी बलवान खोखर की उम्र कैद की सजा अदालत ने बरकरार रखी थी. सज्जन कुमार और पूर्व पार्षद बलवान खोखर दक्षिण पश्चिम दिल्ली के पालम इलाके में स्थित राज नगर पार्ट-1 में पांच सिखों की हत्या, और राजनगर पार्ट-2 में एक गुरूद्वारा जलाने की घटना के मामले में उम्र कैद की सजा काट रहे हैं.
ये घटनायें एक-दो नवंबर, 1984 को हुई थी जब 31 अक्टूबर, 1984 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी की हत्या के बाद सिख विरोधी दंगे भड़के थे. उच्च न्यायालय ने इस मामले में 5 अन्य दोषियों की सजा भी बरकरार रखी थी.
ये भी पढ़े.
पीएम मोदी की अपील के बाद अमित शाह का बड़ा फैसला- CAPF की कैंटीन में सिर्फ स्वदेशी सामान बिकेंगे
हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें ABP News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ लाइव पर पढ़ें बॉलीवुड, लाइफस्टाइल, न्यूज़ और खेल जगत, से जुड़ी ख़बरें
और देखें
Advertisement
ट्रेंडिंग न्यूज
Advertisement
Advertisement
टॉप हेडलाइंस
विश्व
उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड
इंडिया
क्रिकेट
Advertisement
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)