Supreme Court News: किसान आंदोलन के चलते बंद दिल्ली के सिंघु बॉर्डर के मसले पर सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट ने मना कर दिया है. कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट जानी की सलाह दी. दोनों याचिकाकर्ता हरियाणा के सोनीपत जिले के रहने वाले थे. उनका कहना था कि अगर सरकार सड़क नहीं खोल सकती तो उसे उसके समानांतर नई सड़क बनाने को कहा जाए, ताकि लोग आना-जाना कर सकें.
याचिकाकर्ता जय भगवान और जगबीर सिंह छिकारा का कहना था कि सड़क को पूरी तरह बंद हुए अब लगभग 10 महीने हो चुके हैं. लोगों को इसके चलते भारी समस्या हो रही है. उनकी तरफ से पेश वकील ने दलील दी कि वह शांतिपूर्ण आंदोलन के खिलाफ नहीं हैं. लेकिन स्थानीय लोगों को हो रही दिक्कत पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए.
मामला हाई कोर्ट में रखा जाना चाहिए- बेंच
जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, विक्रम नाथ और हिमा कोहली की बेंच ने कहा कि यह मामला हाई कोर्ट में रखा जाना चाहिए. हाई कोर्ट परिस्थितियों के हिसाब से उचित आदेश देने में सक्षम है. जजों के कहना था कि अगर वह दिल्ली के इस मामले को सुनेंगे, तो ओडिशा या कर्नाटक के ऐसे ही मामले को भी सुनना होगा. हाई कोर्ट के रहते इसकी जरूरत नहीं है.
केंद्र को सड़क खोलने के लिए उपाय करने को कहा गया
याचिकाकर्ता के वकील ने जजों के ध्यान इस ओर दिलाया कि सुप्रीम कोर्ट की ही दूसरी बेंच ने इससे मिलते मामले पर नोटिस जारी कर रखा है. केंद्र को सड़क खोलने के लिए उपाय करने को कहा गया है. दिल्ली-यूपी सीमा को खोलने से जुड़े इस मामले पर 20 सितंबर को अगली सुनवाई है. इसलिए इस मामले को भी सुप्रीम कोर्ट में ही सुना जाना चाहिए. लेकिन बेंच इससे आश्वस्त नहीं हुई. इसके बाद याचिकाकर्ता ने हाई कोर्ट जाने की बात कहते हुए याचिका वापस ले ली.
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