Supreme Court On Uniform Law On Divorce: सुप्रीम कोर्ट ने सभी धर्मों में तलाक की एक समान व्यवस्था की मांग वाली याचिका सुनने से बुधवार (29 मार्च) को मना कर दिया. शीर्ष अदालत ने बच्चा गोद लेने, वसीयत के नियम जैसे प्रावधान भी सभी धर्मों के लिए एक जैसे बनाने की मांग को भी सुनने से मना किया. चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा, ''कानून बनाना या उसमें बदलाव करना संसद के अधिकार क्षेत्र में आता है. हम इसका आदेश नहीं दे सकते.''


मुस्लिम समाज में प्रचलित तलाक-ए-हसन को चुनौती देने वाली याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले से अलग किया. तलाक-ए-हसन पीड़िता बेनजीर की याचिका पर अलग से सुनवाई होगी. इस व्यवस्था में पति 1-1 महीने के अंतर पर 3 बार तलाक बोल कर शादी खत्म कर सकता है.