Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने अदालत में ऑनलाइन सुनवाई को कैदियों का मौलिक अधिकार घोषित करने का अनुरोध करने वाली याचिका पर तत्काल सुनवाई करने से इनकार कर दिया है. न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा की पीठ ने शुक्रवार को वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा से कहा कि इस मामले में जल्दबाजी की कोई जरूरत नहीं है.

 

वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा था कि कोविड-19 के मामले बढ़ रहे हैं और उन्होंने मामले पर तत्काल सुनवाई का अनुरोध किया. इस पर पीठ ने कहा, ‘‘हाइब्रिड का अर्थ है कि हमें आपको अदालत में देखने की खुशी नहीं मिलेगी. इसमें कोई जल्दबाजी नहीं है, सभी लोग अदालत आ रहे हैं. अगर हालात खराब होते हैं तो हम देखेंगे.’’

 

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इससे अधिक जरूरी मुद्दे हैं जैसे जेल में बंद लोग, जमानत के मामले आदि. शीर्ष अदालत ने पहले कहा था कि ऑनलाइन अदालतें जारी रखने में समस्या होगी और ऑनलाइन सुनवाई में कई मसले हैं.