Sandeshkhali Violence Supreme Court Hearing: पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में हुई हिंसा मामले में सुप्रीम कोर्ट ने हस्तक्षेप से इनकार कर दिया है. कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं से इस मामले में हाई कोर्ट का रुख करने को कहा है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर आवश्यकता पड़ेगा तो हाई कोर्ट विशेष पीठ का गठन करेगा. चलिए हम आपको बताते हैं सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील, जस्टिस और पश्चिम बंगाल सरकार के वकील के बीच क्या कुछ बहस हुई है. सुनवाई के दौरान संदेशखाली हिंसा का तुलना मणिपुर से करने पर जज ने नाराजगी जतायी.


जस्टिस नागरत्ना- सीधे सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की जरूरत नहीं. हाई कोर्ट पहले ही संज्ञान ले चुका है. आपको वहीं बात रखनी चाहिए.
याचिकाकर्ता- मणिपुर के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दखल दिया.
जज- इस मामले की तुलना मणिपुर से मत कीजिए.
याचिकाकर्ता- हाई कोर्ट के संज्ञान लेने के बाद सीएम ने बयान दिया कि वहां कोई रेप नहीं हुआ.
पश्चिम बंगाल के वकील- हम तेजी से कार्रवाई कर रहे हैं. लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
जज- सीबीआई जांच या SIT के गठन का आदेश हाई कोर्ट भी दे सकता है.
याचिकाकर्ता- मणिपुर की तरह इस जांच की भी निगरानी करें.
जज- हमने पहले भी कहा कि मणिपुर से तुलना मत कीजिए.
याचिकाकर्ता- TMC के नेता शेख शाहजहां पर आरोप है। कुछ दिन पहले उसको एक मामले में ED पकड़ने गई थी तो ED टीम पर हमला हो गया था.
जज- हाई कोर्ट सक्षम है. अगर हाई कोर्ट में किसी नई बेंच के गठन की ज़रूरत है तो वहां के चीफ जस्टिस कर सकते हैं.


बता दें कि संदेशखाली में महिलाओं ने स्थानीय तृणमूल नेता शेख शाहजहां, उसके सहयोगी तृणमूल नेता शिबू हाजरा और उत्तम सरदार पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न और जबरदस्ती जमीन दखल करने का आरोप लगाया है. इस मामले में पुलिस ने सामूहिक दुष्कर्म का केस दर्ज किया है और शिबू हाजरा तथा उत्तम सरदार को गिरफ्तार कर लिया गया है. शाहजहां फरार है.


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