Nikhil Gupta: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार (4 जनवरी) को चेक रिपब्लिक में गिरफ्तार भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता के परिवार की याचिका सुनने से इनकार कर दिया. परिवार की तरफ से निखिल को अमेरिका प्रत्यर्पित किए जाने की आशंका जताते हुए सहायता की मांग की गई थी. कोर्ट ने कहा कि इस संवेदनशील मसले पर सरकार ही उचित फैसला ले सकती है. कोर्ट इसमें दखल नहीं देगा. अदालत ने ये भी साफ किया कि विदेशी अदालत के अधिकार क्षेत्र का सम्मान भी जरूरी है.


सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'यह एक संवेदनशील मामला है और भारत सरकार तय करेगी कि इस पर कैसे आगे बढ़ना है. सार्वजनिक अंतरराष्ट्रीय कानून और अदालतों के सहयोग को ध्यान में रखते हुए, हम इस मामले में दखलअंदाजी नहीं कर सकते.' निखिल गुप्ता फिलहाल चेक रिपब्लिक की जेल में बंद है. अमेरिका ने उसे प्रत्यर्पित किए जाने की मांग की है. परिवार को डर है कि एक बार अमेरिका पहुंचने पर निखिल को रिहा करवाना बेहद ही मुश्किल होने वाला है. 


पन्नू की हत्या की साजिश रचने का है मामला


दिल्ली के बिजनेसमैन निखिल गुप्ता को 2023 में चेक रिपब्लिक में गिरफ्तार किया गया. अमेरिका ने निखिल के ऊपर आरोप लगाया है कि उसने अमेरिकी धरती पर खालिस्तानी आतंकी गुरुपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश रची है. अमेरिका का कहना है कि निखिल गुप्ता एक सरकारी एजेंट के साथ काम कर रहा था. उसने पन्नू को ठिकाने लगाने के लिए एक हिटमैन को काम पर रखा था, जो असल में एक अंडरकवर पुलिस अधिकारी था. भारत ने कहा कि उसने अमेरिका के आरोपों को गंभीरता से देखते हुए जांच के लिए एक समिति का गठन किया है. 


याचिका में क्या कहा गया?


निखिल गुप्ता के परिवार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया. परिवार का कहना है कि निखिल को जेल में अलग-थलग रखा गया था और उसे मांस और सूअर खाने के लिए मजबूर किया जा रहा है. याचिका में कहा गया, 'निखिल की गिरफ्तारी में शुरू से ही गड़बड़ियां देखने को मिल रही हैं. गिरफ्तारी के दौरान कोई वारंट नहीं दिखाया गया. निखिल को स्थानीय चेक रिपब्लिक के अधिकारियों के बजाय अमेरिकी एजेंटों के जरिए गिरफ्तार किया गया.'


इसमें कहा गया, 'शुरुआती हिरासत के दौरान निखिल को किसी भी तरह का अरेस्ट वारंट नहीं दिखाया गया है. इसके बजाय उसे उन लोगों की कस्टडी में रखा गया है, जो खुद को अमेरिकी बता रहे हैं.'


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