Senthil Balaji Case: तमिलनाडु में सेंथिल बालाजी के अभी तक मंत्री बने रहने के खिलाफ याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है. शीर्ष अदालत ने कहा कि सीएम की सिफारिश पर ही राज्यपाल किसी मंत्री को बर्खास्त कर सकते हैं.
नौकरी के बदले पैसे लेने से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में जून में ED ने बालाजी को गिरफ्तार किया था, लेकिन न तो उन्होंने इस्तीफा दिया और न मुख्यमंत्री स्टालिन ने उन्हें मंत्रिमंडल से हटाया. बालाजी अभी भी तमिलनाडु सरकार में बिना विभाग के मंत्री बने हुए हैं.
न्यायिक हिरासत में हैं सेंथिल बालाजी
गुरुवार (4 जनवरी) को ही चेन्नई की एक सत्र अदालत ने बालाजी की हिरासत 11 जनवरी तक बढ़ा दी. केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी ने 14 जून, 2023 को गिरफ्तार किया था. बालाजी तब से ही न्यायिक हिरासत में हैं और पुझल जेल में बंद हैं. बालाजी को जेल से वीडियो-कॉन्फ्रेंस के माध्यम से कोर्ट में पेश किया गया था.
गिरफ्तारी के तुरंत बाद सेंथिल बालाजी की एक निजी अस्पताल में बाईपास सर्जरी की गई. बाद में ईडी ने उन्हें पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया और उसके बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. एमके स्टालिन की पार्टी डीएमके सेंथिल बालाजी की गिरफ्तारी को राजनीतिक बदलने की कार्रवाई बताती रही है.
ईडी ने कथित रूप से पैसे देकर नौकरी देने से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किया गया था. यह मामला तब का है जब बालाजी पूर्ववर्ती AIADMK सरकार के दौरान परिवहन मंत्री थे. हाल ही में उन्होंने जमानत याचिका दाखिल की थी.
इसपर मुख्य सत्र न्यायाधीश एस अल्ली ने अगली सुनवाई की तारीख आठ जनवरी को तय की है. ईडी के वकील एन रमेश ने सेंथिल बालाजी को लेकर जवाबी हलफनामा दायर करने के लिए समय मांगी है.
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