हेट स्पीच मामले में तमिलनाडु BJP चीफ अन्नामलाई को SC से राहत, ईसाई NGO को लेकर दिया था बयान
Hate Speech Case: तमिलनाडु BJP के चीफ के अन्नामलाई ने दावा किया था कि ईसाई एनजीओ ने दिवाली के दौरान पटाखों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने के लिए केस किया था. इसपर ही सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है.
Hate Speech Case: हेट स्पीच मामले में तमिलनाडु बीजेपी के चीफ के अन्नामलाई को सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (29 अप्रैल, 2024) को राहत दी. कोर्ट ने कहा कि मुकदमे की कार्यवाही पर रोक की अंतरिम राहत जारी रहेगी.
साइव लॉ के मुताबिक, जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने प्रतिवादी के जवाबी हलफनामा दाखिल करने के लिए समय मांगने के अनुरोध पर मामले को सितंबर तक के लिए स्थगित कर दिया है. हेट स्पीच केस को रद्द करने की याचिका के अन्नामलाई ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की है.
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में एक अंतरिम आदेश में के अन्नामलाई के खिलाफ शुरू की गई आपराधिक कार्यवाही पर रोक लगा दी थी. अन्नामलाई ने अक्टूबर 2022 में एक यूट्यूब चैनल को दिए इंटरव्यू में दावा किया था कि एक ईसाई एनजीओ ने सबसे पहले दिवाली के दौरान पटाखों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने के लिए केस दायर किया था.
वहीं मद्रास हाईकोर्ट ने आपराधिक मामले को रद्द करने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया था.
मद्रास हाईकोर्ट ने क्या कहा था?
जस्टिस आनंद वेंकटेश की पीठ ने कहा था कि अन्नामलाई के इंटरव्यू से याचिकाकर्ता के विभाजनकारी इरादे का पता चला कि एक ईसाई एनजीओ हिंदू संस्कृति के खिलाफ काम कर रहा था.
बयान के पीछे की मंशा इस तथ्य से समझी जा सकती है कि हालांकि साक्षात्कार लगभग 40 मिनट तक चला, लेकिन 6.5 मिनट की एक छोटी फुटेज, जिसमें उन्होंने दावा किया कि यह एक ईसाई एनजीओ ने पहला मामला दर्ज किया था को संपादित किया गया और बीजेपी की तमिलनाडु इकाई के आधिकारिक एक्स हैंडल से ट्वीट किया गया.
क्या मामला है?
अन्नामलाई ने दिवाली से ठीक दो दिन पहले 22 अक्टूबर 2022 को एक यूट्यूब चैनल को इंटरव्यू दिया था, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि एक ईसाई एनजीओ ने सबसे पहले त्योहार के दौरान पटाखों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने के लिए केस दायर किया था.
शिकायतकर्ता ने अपनी याचिका में आरोप लगाया कि बीजेपी नेता ने जानबूझकर झूठ बोलकर सांप्रदायिक नफरत को बढ़ावा दिया था.
इनपुट भाषा से भी.
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