आधार पर विवाद के बीच जानिए सुप्रीम कोर्ट में क्या है आधार मामले की स्थिति
याचिकाकर्ताओं की दलील थी कि आधार बनाने के लिए बायोमेट्रिक्स जुटाना निजता के अधिकार का हनन है.
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नई दिल्लीः ट्राई के अध्यक्ष आर एस शर्मा ने आधार की सुरक्षा का पुख्ता दावा करते हुए अपना 12 अंकों का आधार नंबर जारी करते हुए कहा था कि अगर इससे सुरक्षा से जुड़ा कोई खतरा है, तो कोई मेरे आंकड़े लीक करके दिखाए और उनकी इस चुनौती के कुछ घंटे बाद ही उनके आंकड़े लीक हो गए. इलियट एल्डरसन उपनाम वाले फ्रांस के एक सुरक्षा विशेषज्ञ ने ट्वीट्स की श्रृंखला में शर्मा के निजी जीवन के कई आंकड़े, उनके 12 अंकों की आधार संख्या के माध्यम से जुटाकर जारी कर दिए, जिनमें शर्मा का निजी पता, जन्मतिथि, वैकल्पिक फोन नंबर आदि शामिल है. इसके बाद से ही आधार के जरिए जानकारियां लीक होने को लेकर चर्चा ने फिर से जोर पकड़ लिया है. इस बीच जानिए सुप्रीम कोर्ट में आधार की अनिवार्यता को लेकर जो मामला चल रहा है उसका क्या अपडेट है.
10 मई को रखा गया था फैसला सुरक्षित
आधार कार्ड योजना की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने 10 मई को सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रखा था. 17 जनवरी को कोर्ट ने सुनवाई शुरू की थी. इन याचिकाओं पर कुल 38 दिन सुनवाई हुई. याचिकाकर्ताओं की दलील थी कि आधार बनाने के लिए बायोमेट्रिक्स जुटाना निजता के अधिकार का हनन है. आधार कार्ड बनवाने को ज़रूरी नहीं बताया जाता है. लेकिन तमाम सरकारी कामों के लिए इसे अनिवार्य बना दिया गया है.
जवाब में सरकार ने आधार योजना का पुरजोर बचाव किया. UIDAI के CEO अजय भूषण पांडे खुद सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए थे और उन्होंने कोर्ट को बताया था कि आधार में मिलने वाला 12 अंकों का नंबर विशिष्ट है. किसी एक ही व्यक्ति का वो नंबर हो सकता है. नंबर रैंडम है, यानी इसे देख कर व्यक्ति का नाम, शहर, राज्य कुछ भी जाना नहीं जा सकता. उन्होंने ये भी कहा कि बायोमैट्रिक जानकारी पूरी तरह से सुरक्षित रहती है. इसे चोरी कर पाना नामुमकिन है.
17 जनवरी को शुरू हुई थी सुनवाई
आधार कार्ड योजना की वैधता पर 17 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में शुरू हुई सुनावाई के दौरान पूछा गया था कि ''अगर सरकार सामाजिक कल्याण योजनाओं का लाभ सही लोगों तक पहुंचाने के लिए बायोमैट्रिक का इस्तेमाल करती है तो इसमें क्या गलत है?" "क्या याचिकाकर्ता ये कहना चाहता है कि अब तक आधार के लिए जुटाए गए आंकड़े नष्ट कर दिए जाएं?"
आधार योजना की वैधता पर संविधान पीठ में सुनवाई शुरू, कोर्ट ने उठाए अहम सवाल
सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच जजों की बेंच कर रही है. बेंच ने यह भी पूछा था कि बायोमेट्रिक जानकारी भारत में आधार के लिए देने और अमेरिका के वीज़ा के लिए इसे देने में क्या फर्क है. हालांकि, चीफ जस्टिस ने एक अहम टिप्पणी करते हुए कहा था कि अगर याचिकाकर्ता ये साबित कर सके कि आधार योजना मौलिक अधिकारों का हनन करती है, तो अदालत ज़रूर दखल देगी.
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