YouTuber Bail Case: स्टालिन पर टिप्पणी करने वाले यूट्यूबर को सुप्रीम कोर्ट से राहत, जज बोले- चुनाव से पहले कितने लोगों को जेल में डालोगे
Tamil Nadu YouTuber Bail Case: तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन पर यूट्यूबर की ओर से की गई टिप्पणी से जुड़े एक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (8 मार्च) को अहम फैसला सुनाया है.
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Supreme Court on YouTuber Bail Case: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (8 मार्च) को तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के खिलाफ कथित रूप से अपमानजनक टिप्पणी करने वाले एक यूट्यूबर की जमानत बहाल करने के आदेश दिए हैं. साथ ही इस मामले पर सख्त टिप्पणी करते हुए कहा है कि सोशल मीडिया पर आरोप लगाने वाले हर शख्स को जेल में नहीं भेजा जा सकता है. यह मामला अगस्त 2021 से जुड़ा है जब शीर्ष अदालत ने यूट्यूबर ए दुरईमुरुगन सत्तई को जमानत दी थी. इसके बाद वो करीब ढाई साल से ज्यादा समय से जमानत पर है.
एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने सुनवाई के दौरान कहा कि यह कोई सबूत नहीं है कि ए दुरईमुरुगन सत्तई ने स्वतंत्रता का दुरुपयोग किया. न्यायमूर्ति ओका ने राज्य का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी को संबोधित करते हुए एक अहम सवाल उठाते हुए कहा, "अगर चुनाव से पहले, हम यूट्यूब पर आरोप लगाने वाले सभी लोगों को सलाखों के पीछे डालना शुरू कर देंगे, तो कल्पना कीजिए कि कितने लोगों को जेल होगी?"
कोर्ट ने सत्तई को जमानत पर रहते हुए निंदनीय टिप्पणी करने से बचने की शर्त लगाने के आग्रह पर भी विचार नहीं किया है. न्यायमूर्ति ओका ने मुकुल रोहतगी को चुनौती देते हुए पूछा कि यह कौन तय करेगा कि कौन सा बयान लज्जाजनक है या नहीं.
हाईकोर्ट ने हलफनामा दायर करने के बाद थी जमानत
सुप्रीम कोर्ट में यह मामला तब पहुंचा था जब मद्रास हाई कोर्ट ने उनकी जमानत को रद्द कर दिया था और उन्होंने इसको शीर्ष अदालत में चुनौती दी थी. हाई कोर्ट का मानना था कि अदालत के समक्ष एक हलफनामा दायर करने के बाद सत्तई को उसी (हलफनामा) के आधार पर राहत दी गई थी, लेकिन तमिलनाडु सीएम के खिलाफ फिर से अपमानजनक टिप्पणी की गई. इसके बाद ही सत्तई ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था जिस पर जुलाई 2022 में एक नोटिस भी जारी हुआ था. सोमवार को सुनवाई के दौरान मुकुल रोहतगी ने दिसंबर 2022 और मार्च 2023 में सत्तई के खिलाफ दर्ज दो एफआईआर का जिक्र भी किया.
इस बीच देखा जाए तो सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला लोकसभा चुनाव से ठीक कुछ दिन पहले आया है जब कि 19 अप्रैल को पहले चरण के तहत मतदान होना है. देश में कुल 7 चरणों में मतदान होगा जिसके परिणाम 4 जून को घोषित किए जाएंगे.
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