जस्टिस खानविलकर नए लोकपाल: राजीव अतनु होंगे विजिलेंस कमिश्नर, नाराजगी के बावजूद अधीर चौधरी ने दी सहमति
Lokpal And Vigilance Commissioner: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाले सेलेक्शन पैनल ने नए लोकपाल और विजिलेंस कमिश्नर की नियुक्ति की है औ इस पैनल में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी भी हैं.
Lokpal Chairman: सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश (सेवानिवृत्त) अजय माणिकराव खानविलकर को लोकपाल के नए अध्यक्ष के रूप में चुना गया है, जबकि बैंक ऑफ महाराष्ट्र के प्रबंध निदेशक (एमडी) एरातु एस राजीव का सतर्कता आयुक्त (विजिलेंस कमिश्नर) के पद के लिए चुनाव हुआ है. ये दोनों सेलेक्शन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एक समिति की ओर से किए गए हैं और इस बारे में बुधवार (7 फरवरी, 2024) को अफसरों की ओर से जानकारी दी गई है.
अंग्रेजी अखबार 'एचटी' की रिपोर्ट में अफसरों के हवाले से बताया गया कि सेलेक्शन पैनल के सदस्य में लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने एरातु एस राजीव के चयन पर असहमति जताई थी. उन्होंने वीसी पद के लिए बैंक ऑफ इंडिया के पूर्व एमडी और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अतनु दास का नाम प्रस्तावित किया था.
अधीर चौधरी ने नहीं किया जस्टिस खानविलकर के नाम का विरोध
अफसरों के अनुसार, कांग्रेस नेता ने रिटायर्ड जज खानविलकर के नाम का विरोध नहीं किया, जबकि उनकी उम्मीदवारी के बारे में उन्हें आखिरी समय में बताया गया था. लोकपाल के कार्यवाहक अध्यक्ष के रूप में फिलहाल न्यायमूर्ति प्रदीप कुमार मोहंती हैं. वीसी के दो पदों में से एक अभी भी खाली है.
कौन हैं जस्टिस खानविलकर?
जस्टिस खानविलकर की अप्रैल 2002 में बॉम्बे उच्च न्यायालय में स्थायी न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति की गई थी. उन्होंने कुछ समय के लिए हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्य किया और फिर नवंबर 2013 में वह मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय में रहे. मई 2016 में सुप्रीम कोर्ट में उनकी नियुक्ति हुई जहां जुलाई 2022 में उनकी सेवानिवृत्ति तक छह साल का कार्यकाल उन्होंने पूरा किया. जस्टिस खानविलकर उस पांच जजों वाली बेंच का हिस्सा थे जिसने कॉमन कॉज बनाम यूनियन ऑफ इंडिया (2018) मामले में माना था कि गरिमा के साथ मृत्यु का अधिकार अनुच्छेद 21 के तहत एक मौलिक अधिकार है. एक लाइलाज बीमारी के मामले में उन्होंने मरीज को चिकित्सा उपचार से इनकार करने की अनुमति दी थी.
राजीव को है बैंकिंग सेक्टर का लंबा अनुभव
नए विजिलेंस कमिश्नर राजीव की बात करें तो उन्हें दिसंबर 2018 में बैंक ऑफ महाराष्ट्र के एमडी और सीईओ के रूप में नियुक्त किया गया था. उनका कार्यकाल 1 दिसंबर, 2023 को समाप्त होना था लेकिन नवंबर 2023 में उन्हें 31 मई, 2024 तक विस्तार दिया गया था. बैंक ऑफ महाराष्ट्र से पहले वह इंडियन बैंक के कार्यकारी निदेशक थे और इस दौरान वह नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) के भी निदेशक रहे.
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