'सूचना आयोग में पद खाली रहेंगे तो, RTI...', सुप्रीम कोर्ट का केंद्र और राज्य सरकार को निर्देश
Supreme Court On RTI: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (30 अक्टूबर) को केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) और राज्य सूचना आयोगों में खाली पड़े पदों को लेकर टिप्पणी की.
Supreme Court On RTI: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (30 अक्टूबर) को सूचना का अधिकार (RTI) का जिक्र कर बड़ी टिप्पणी की. कोर्ट ने केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) और राज्य सूचना आयोगों (एसआईसी) में रिक्त पदों को भरने का केंद्र और राज्य सरकारों को निर्देश देते हुए कहा कि ऐसा नहीं होने पर सूचना का अधिकार कानून निष्प्रभावी हो जाएगा.
चीफ जस्टिस (CJI) डी वीई चंचचूड़ (DY Chandrachud), जस्टिस जेबी पारदीवाला (Justices J B Pardiwala) और जस्टिस मनोज मिश्रा ( Manoj Misra) ने ये निर्देश दिया. बेंच ने सुनवाई के दौरान कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) को राज्य सूचना आयोगों में मंजूर पदों, रिक्तियों और वहां लंबित मामलों की कुल संख्या सहित कई पहलुओं पर सभी राज्यों से सूचना एकत्र करने को कहा.
किन राज्यों का किया जिक्र
सीजेआई ने डी वीई चंचचूड़ झारखंड (Jharkhand), त्रिपुरा (Tripura) और तेलंगाना (Telangana) जैसे राज्यों में राज्य सूचना आयोगों (state information commissions) का कामकाज ठप्प पड़ जाने की दलील पर गौर करने के बाद कहा, ‘‘2005 का सूचना का अधिकार कानून निष्प्रभावी हो जाएगा.’’
कोर्ट ने राज्यों सरकारों और केंद्र सरकार को जानकारी उपलब्ध कराने के लिए तीन हफ्तों का वक्त दिया.
याचिका में क्या आरोप लगाया गया
आरटीआई कार्यकर्ता अंजलि भारद्वाज (Anjali Bhardwaj) की दायर याचिका उसके बाद सुनवाई के लिए मुल्तवी कर दी. भारद्वाज ने आरोप लगाया है कि सीआईसी और राज्य सूचना आयोगों में रिक्तियों को समय पर भरने सहित अन्य संबद्ध मुद्दों पर सुप्रीम कोर्ट के 2019 के फैसले का केंद्र और राज्यों नहीं मान रहे हैं.
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट ने दिसंबर 2019 में केंद्र और राज्यों सरकारों को निर्देश दिया था कि तीन महीने में सीआईसी और एसआईसी में खाली पड़े पदों को भरें.
इनपुट भाषा से भी.