Supreme Court : चीफ जस्टिस यूयू ललित के कार्यकाल में सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही में तेजी आ गई है. दशकों से लंबित पड़े मामलों का निपटारा बहुत तेजी किया जा रहा है. इसी क्रम में आज सुप्रीम कोर्ट ने एक झटके में बरसों से लंबित पड़े 13,147 मामलों को खत्म कर दिया. ये सारे मामले 8 साल से भी ज्यादा पुराने हैं और इन्हें अब तक सुनवाई के लिए रजिस्टर भी नहीं किया गया था.
रजिस्ट्रार ने जारी किया आदेश
कितने मामले थे लंबित
सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड किए गए आंकड़ों के अनुसार, 1 सितंबर, 2022 तक 70,310 लंबित मामले थे. इनमें 51,839 विविध और 18,471 नियमित सुनवाई से संबंधित मामले शामिल थे. सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार के आदेश में कहा गया है कि इन मामलों के पक्षकार मुकदमों पर आगे कार्रवाई करने का कोई इरादा नहीं रखते हैं क्योंकि उनके द्वारा इतने सालों में किसी भी गड़बड़ी को ठीक नहीं किया गया था.
नए नियम में क्या बदलाव किए गए थे
आपको बता दें कि 19 अगस्त, 2014 के बाद से ही मुकदमे की कॉपी और अदालती टिकटों के शुल्क की एक कॉपी रजिस्ट्री के पास रखने का नियम बनाया गया था. पुराने नियमों के तहत, संबंधित पक्षों को 28 दिनों के भीतर गड़बड़ियों को ठीक करना होता था, जिसे 90 दिनों तक बढ़ा दिया गया था.
सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार ने क्या कहा
मीडिया से बात करते हुए सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार ने कहा कि इतनी दलीलें सुनने के बाद कोई भी ऐसा कारण नहीं है, जिससे यह साबित हो सके कि ऐसे लंबित मामलों को खत्म नहीं किया जाना चाहिए.
रजिस्ट्रार ने जारी किया आदेश
सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार न्यायिक -1 चिराग भानु सिंह के एक आदेश के मुताबिक ये सभी मामले 2014 से पहले दायर किए गए थे. उन्हें रजिस्टर नहीं किया गया था. इससे लंबित मामलों की संख्या बढ़ती जा रही थी. दायर मामलों में एक केस तीन दशक से भी ज्यादा पुराना था.
कितने मामले थे लंबित
सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड किए गए आंकड़ों के अनुसार, 1 सितंबर, 2022 तक 70,310 लंबित मामले थे. इनमें 51,839 विविध और 18,471 नियमित सुनवाई से संबंधित मामले शामिल थे. सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार के आदेश में कहा गया है कि इन मामलों के पक्षकार मुकदमों पर आगे कार्रवाई करने का कोई इरादा नहीं रखते हैं क्योंकि उनके द्वारा इतने सालों में किसी भी गड़बड़ी को ठीक नहीं किया गया था.
नए नियम में क्या बदलाव किए गए थे
आपको बता दें कि 19 अगस्त, 2014 के बाद से ही मुकदमे की कॉपी और अदालती टिकटों के शुल्क की एक कॉपी रजिस्ट्री के पास रखने का नियम बनाया गया था. पुराने नियमों के तहत, संबंधित पक्षों को 28 दिनों के भीतर गड़बड़ियों को ठीक करना होता था, जिसे 90 दिनों तक बढ़ा दिया गया था.
सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार ने क्या कहा
मीडिया से बात करते हुए सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार ने कहा कि इतनी दलीलें सुनने के बाद कोई भी ऐसा कारण नहीं है, जिससे यह साबित हो सके कि ऐसे लंबित मामलों को खत्म नहीं किया जाना चाहिए.
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